हमीरपुर : उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद के मोर्चे पर हमीरपुर जिले ने अपनी धाक जमाई है। सभी 74 जिलों को पछाड़ते हुए हमीरपुर ने इस बार गेहूं खरीद में पहला स्थान हासिल किया है। इतना ही नहीं, जिले ने अपने निर्धारित लक्ष्य से सौ प्रतिशत से भी अधिक गेहूं खरीद कर किसानों को समय पर 90 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान भी सुनिश्चित किया है, जिससे अन्नदाताओं के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है। अब खाद्य विपणन विभाग क्रय केंद्रों पर डंप पड़े गेहूं को तेजी से गोदामों तक पहुंचाने में जुट गया है।
इस साल शासन ने हमीरपुर जिले के लिए 31 हजार मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस महत्वाकांक्षी अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में कुल 56 क्रय केंद्र खोले गए थे। 17 मार्च से 15 जून तक चले इस खरीद अभियान में शुरुआती कुछ हफ्तों में भले ही केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा हो, लेकिन बाद में किसानों का भारी उत्साह देखने को मिला और क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने वालों का मेला सा लग गया।
जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों का भी इस सफलता में बड़ा हाथ रहा। डीएम ने किसानों की सुविधा के लिए क्रय केंद्रों पर पानी और छाया की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कराई थी। साथ ही, केंद्र प्रभारियों को गेहूं खरीद में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की कड़ी हिदायत भी दी गई थी। इसी का परिणाम है कि हमीरपुर जिले ने अपने लक्ष्य से सौ प्रतिशत से भी अधिक गेहूं खरीद कर प्रदेश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
डिप्टी आरएमओ घनश्याम वर्मा ने बताया कि हमीरपुर ने कुल 39084.93 एमटी गेहूं की खरीद की है, जो निर्धारित लक्ष्य का 100.72 प्रतिशत है। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिसमें 4256 किसानों ने अपने गेहूं की बिक्री की।
डिप्टी आरएमओ घनश्याम वर्मा ने सोमवार को बताया कि गेहूं खरीद के इस महत्वपूर्ण अभियान में हमीरपुर पूरे प्रदेश में नंबर-1 पर आया है। खास बात यह है कि बुंदेलखंड के ही अन्य दो जिलों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। महोबा दूसरे स्थान पर रहा, जबकि झांसी ने तीसरा स्थान हासिल कर बुंदेलखंड क्षेत्र की क्षमता को एक बार फिर साबित किया है।
सरकार ने इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2025 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था। हमीरपुर जिले में 17 मार्च से 15 जून तक हुई इस रिकॉर्ड तोड़ खरीद के बाद, 4256 किसानों को कुल 75 करोड़ 83 लाख 90 हजार रुपये (75,83,90,000 रुपये) का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में भेजा गया है। डिप्टी आरएमओ ने बताया कि केवल नौ किसानों के भुगतान तकनीकी कारणों से अभी ट्रांसफर नहीं हो पाए हैं, जिन पर काम जारी है।
Updated on:
16 Jun 2025 06:54 pm
Published on:
16 Jun 2025 06:53 pm