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धड़ल्ले से फलफूल रहा है अवैध खनन का काला कारोबार, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

ग्रामीणों ने बालू से भरे अवैध ट्रैक्टरों को गांव में खड़ा करा लिया और सड़क को जाम कर दिया...

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Illegal mining in Hamirpur UP news

धड़ल्ले से फलफूल रहा है अवैध खनन का मुद्दा, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

हमीरपुर. एक ओर जहां सूबे के मुखिया प्रदेश में अवैध खनन के सख्त खिलाफ हैं, वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड के हमीरपुर जनपद में प्रशासन की देख-रेख में अवैध खनन का धंधा फलफूल रहा है। जहां रात दिन अवैध ट्रैक्टर बालू भरकर अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया है और बालू से भरे ट्रैक्टरों को गांव मे खड़ा करा लिया है। ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने अधिकारियों और पुलिस से कई बार अवैध खनन की शिकायत की लेकिन जब उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और ट्रैक्टर धड़ल्ले से चलते रहे। जिसकी वजह अधिकारियों की मिलीभगत का होना बताया। जिसको लेकर ग्रामीणों ने बालू से भरे अवैध ट्रैक्टरों को गांव में खड़ा करा लिया और सड़क को जाम कर दिया।

ग्रामीण हुए उग्र

इसी बीच पुलिस और एसडीएम ने गांव पहुंचकर ट्रैक्टरों को ले जाने की बात कही। जिस पर पहले तो ग्रामीण तैयार नहीं हुए लेकिन जब उन्होंने ट्रैक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही तो ग्रामीण तैयार हो गये और एसडीएम का ड्राईवर ट्रैक्टर पर बैठा और ट्रैक्टर की बालू से भरी ट्राली को पलटने लगा। जिससे ग्रामीण उग्र हो गए और एसडीएम के ड्राइवर की धुनाई कर डाली। जिस बीच ग्रामीणों ने पुलिस से भी हाथापाई की और बड़ी मुश्किल से हालात सामान्य हो पाए। जब एसडीएम से बात की गई तो गोलमोल जबाब दिए और बताया की ग्रामीणों ने चार ट्रैक्टर पकड़े हैं, जबकि ग्रामीणों ने आठ ट्रैक्टर पकडे थे, जो वीडियो में है। एसडीएम ने पकड़ने के बाबजूद भी तीन ट्रेक्टर छोड़ दिए जो गंभीर विषय है।

धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन

पूरा मामला है हमीरपुर जनपद की कोतवाली राठ के नौहाई गांव का है। जहां की विरमा नदी से कई महीनों से ट्रैक्टरों के द्वारा रात दिन बालू का अवैध खनन किया जा रहा था, जबकि वहां पर न ही कोई खदान है और न ही कोई पट्टा। ग्रामीणों के अनुसार अधिकारियों और पुलिस की देखरेख में सारा गोरखधंधा चल रहा है। ग्रामीणों ने कई बार इसकी लिखित शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई उनके अनुसार अधिकारियों और पुलिस को 50 हजार रूपये एक ट्रैक्टर से प्रति महीने दिए जाते हैं। ट्रैक्टरों की वजह से उनके गांव की सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। जिससे ग्रामीणों का निकलना दूभर है।

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला

वहीं जब मौके पर मौजूद तहसीलदार से बात की गई तो उन्होंने गांव मे कोई भी अवैध खदान या पट्टा न होने की बात को स्वीकार करते हुये कहा कि वो अभी राठ में नए आए हैं और जब एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने भी अनभिग्य बनते हुये चार ट्रैक्टरों के पकड़े जाने की बात कही। जबकि ग्रामीणों के अनुसार आठ ट्रैक्टर पकड़े गये थे जो कैमरे मे भी कैद थे एसडीएम के इस बयान से अवैध खनन मे उनकी संलिप्तता साफ जाहिर होती है।