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गर्भवती महिला ने ससुराल को कहा बॉय-बॉय, बोली- वहां रास्ता ही नहीं… फिर दर्द हुआ तो क्या करूंगी

आजादी के 77 साल बाद भी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बीहड़ इलाकों में बसे डेरे और मजरे विकास की किरणों से वंचित हैं। पंचायती राज व्यवस्था के बावजूद इन क्षेत्रों की तस्वीर जस की तस बनी हुई है।

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इलाज के लिए बैलगाड़ी से गर्भवती महिला को ले जाते हुए परिजन, PC- X

हमीरपुर : आजादी के 77 साल बाद भी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बीहड़ इलाकों में बसे डेरे और मजरे विकास की किरणों से वंचित हैं। पंचायती राज व्यवस्था के बावजूद इन क्षेत्रों की तस्वीर जस की तस बनी हुई है। हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया, जब एक बुजुर्ग ससुर ने कीचड़ और दलदल से भरे रास्ते पर बैलगाड़ी हांकते हुए अपनी गर्भवती बहू को अस्पताल पहुंचाया। वायरल वीडियो के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है, लेकिन गर्भवती महिला ने प्रसव के बाद ही ससुराल लौटने का ऐलान किया है और फिलहाल मायके चली गई है।

मौदहा तहसील के परसदवा डेरा, गऊघाट, छानी, लेवा जैसे कई डेरे और मजरे घने बीहड़ों में बसे हैं। यहां हजारों परिवार रहते हैं, लेकिन पक्की सड़क जैसी बुनियादी सुविधा आज तक नसीब नहीं हुई। ये सभी ग्राम पंचायत भटुरी के अंतर्गत आते हैं, जहां बरसात के मौसम में रास्ते कीचड़ से भर जाते हैं और तहसील मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। ग्रामीण महीनों तक अपने इलाकों में कैद हो जाते हैं। भटुरी में एक सरकारी प्राइमरी स्कूल तो है, जहां सैकड़ों बच्चों का दाखिला है, लेकिन घर से स्कूल तक का रास्ता दलदल भरा होने से बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं और घरों में ही बंद रहते हैं।

बैलगाड़ी पर गर्भवती महिला को लेकर गए थे परिजन

गांव के अरुण सिंह ने बताया, 'परसदवा डेरे में कई परिवार रहते हैं। बच्चे कीचड़ भरे रास्ते देखकर स्कूल जाने से डर जाते हैं। डेरे से बाहर घना जंगल है, जिससे शाम ढलते ही इलाका सुनसान हो जाता है।" उन्होंने हाल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बुजुर्ग कृष्ण कुमार की गर्भवती बहू रेशमा प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। ससुर ने उसे बैलगाड़ी पर लिटाकर दलदल भरे रास्ते पर अस्पताल पहुंचाया। रास्ते की खराब हालत में गाड़ी चलाने से रेशमा दर्द से चीख उठी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर अब भी वायरल है।

मायके चली गई गर्भवती महिला

कृष्ण कुमार ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, 'बहू रेशमा को बैलगाड़ी से अस्पताल ले जाकर डॉक्टरों को दिखाया। डिलीवरी में समय लगने की वजह से उसे छुट्टी दे दी गई। बहू ने प्रसव तक ससुराल न लौटने की ठान ली है, इसलिए उसे मायके गोपाल डेरा छोड़ आए।' रेशमा के मायके वालों ने स्पष्ट किया कि प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की देखभाल यहीं होगी। इस घटना के बाद सांसद अजयेंद्र सिंह ने अपना प्रतिनिधि मंडल मौके पर भेजा। सरपंच राकेश पाल की सांसद से फोन पर बात हुई, जिन्होंने जल्द रोड निर्माण की पहल का भरोसा दिलाया।

विपक्ष ने सरकार पर कसा तंज

वीडियो वायरल होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने योगी सरकार पर निशाना साधा। विपक्षी दलों ने ग्रामीण विकास की लापरवाही पर तंज कसे। विपक्ष के हमलों के बाद प्रशासन ने फौरन कार्रवाई का ऐलान किया और परसदवा डेरे के दलदली रास्ते को ठीक करने की तैयारी शुरू कर दी।

जल्द शुरू होगा निर्माण

जिला मजिस्ट्रेट (सीडीओ) अरुण कुमार सिंह ने बताया, 'परसदवा डेरे का कच्चा रास्ता कीचड़ और दलदल से भरा है। जैसे ही यह सूखेगा, पक्की सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।'