-अटल भूजल योजना के हालात, जिले में वर्ष 2025-26 में 775 डिग्गी निर्माण का लक्ष्य
-सरकारी शर्त की वजह से खड़ी फसल काट कर बनाई डिग्गी, अब अनुदान पर सरकार ने मारी कुंडली
हनुमानगढ़ गत वर्ष अटल-भूजल योजना में हनुमानगढ़ जिले में कुल 1800 डिग्गी निर्माण का लक्ष्य दिया गया था। इसमें 575 डिग्गियों का भुगतान सरकार स्तर पर कर दिया गया है। परंतु 887 डिग्गियों का भुगतान अब भी बकाया है। कृषि विभाग ने उक्त डिग्गियों का कुल 26 करोड़ 61 लाख रुपए का बिल बनाकर बजट भुगतान करने को लेकर सरकार को लिखा है। सरकार स्तर पर बजट मिलने के बाद ही भुगतान हो सकेगा।
इस बीच सरकार ने अब 2025-26 में 775 नई डिग्गियां बनाने का लक्ष्य आवंटित कर दिया है। ऐसे में किसानों के सामने पसापेश की स्थिति बनी हुई है। किसानों की मानें तो सरकारी शर्त की वजह से खेत में खड़ी फसल को समय से पहले काटकर किसानों ने खेत में डिग्गी बनाई। ताकि सिंचाई सुविधा बेहतर हो सके। परंतु डिग्गी निर्माण के बाद अब अनुदान देने में सरकार देरी कर रही है। इस वजह से किसानों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि अटल भूजल योजना के तहत अनुदानित डिग्गियों का अनुदान किसानों को तीन महीने बाद भी नहीं मिला है।
किसानों का कहना है कि उनकी डिग्गियां फरवरी, मार्च 2025 में सेक्शन हुई थी। उस समय अधिकारियों ने 31 मार्च से पहले डिग्गियां तैयार करने के लिए दबाव डाला था। ताकि मार्च के अंत तक अनुदान मिल सके। किसानों ने अपनी गेहूं की खड़ी फसल काटकर डिग्गियां बना ली। किसानों को पक कर तैयार होने वाली फसल काटने से करीब 70-75 हजार रुपए का नुकसान भी हुआ था। परंतु किसानों ने अनुदान जल्दी मिलने के भरोसे खड़ी फसल भी काटकर डिग्गियां तैयार कर ली। मगर तीन महीने बीत जाने के बाद भी अनुदान नहीं मिला है।
चालू वर्ष के लक्ष्य पर नजर
हनुमानगढ़ जिले में वर्ष 2025-26 में 775 डिग्गी, 50 फार्म पौंड व 250 कृषि यंत्र पर अनुदान देने का लक्ष्य आवंटित किया गया है। डिग्गी निर्माण पर सामान्य किसानों को तीन लाख तथा लघु सीमांत किसानों को तीन लाख चालीस हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। ताकि जल संरक्षण की दिशा में किसान आगे बढ़ सकें और खेतों में लक्ष्य के अनुसार उत्पादन हो सके।
हर महीने छह हजार की लग रही चपत
किसानों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिलने वाले अनुदान को लेकर किसान असमंजस में हैं। तीन लाख रुपए का हर महीने छह हजार तो ब्याज ही बनता है। तीन महीनों में 18 हजार तो ब्याज ही बन गया। अनुदान राशि कब मिलेगी इसका भी कोई अता पता नहीं है। किसान दर्शन सिंह ने बताया कि डिग्गी निर्माण के लिए करीब 4 लाख का कर्ज लिया था मगर अनुदान राशि नहीं मिलने से उनका कर्ज लगातार बढ़ रहा है। पैसे हाथ में आ जाते तो कर्ज चुकता हो जाता। पिछले तीन सालों से फसल लगातार चौपट होने से किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। किसानों को डर है कि अनुदान राशि कुछ महीने नहीं मिली तो अनुदान का एक बड़ा हिस्सा तो ब्याज में ही चला जाएगा। किसान दफ्तरों में चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी बताते हैं कि सभी डिग्गियों की कागजी कार्रवाई मार्च में पहले ही पूरी हो चुकी है। डिग्गियों का बकाया बजट जैसे ही आएगा, किसानों के खातों में अनुदानित राशि जमा हो जाएगी।
बहलोलनगर के किसानों ने की शिकायत
बहलोलनगर के किसानों ने डिग्गियों के बकाया अनुदानित राशि भुगतान जल्द ही करवाने के लिए हनुमानगढ़ जिला कलक्टर के नाम पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताई है। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री किसानों के हितों को ध्यान में रखकर जल्दी बजट मुहैया करवाए। प्रेमाराम पडगड़़, विनोद मूंड, सुखचैन सिंह, भादरराम मूंड, सुशील डेलू, मनदीप सिंह, हरीश हैरी, अनिल सिद्धू, मोहित मूंड, भीमसेन ढाका, दर्शनसिंह सहित दर्जनों किसानों ने अनुदान राशि का भुगतान करवाने की मांग की है।
सरकार से मांगा बजट
गत वर्ष जिन किसानों ने डिग्गियां तैयार कर ली है। उसकी रिपोर्ट बनाकर बजट आवंटन के लिए सरकार को लिखा हुआ है। जैसे ही बजट उपलब्ध होगा, किसानों को अनुदान जारी कर दिया जाएगा। कृषि कार्य के लिए डिग्गी काफी अहम है। इसमें भंडारित जल से किसान सुविधानुसार खेती कर सकता है। नए वर्ष में जिले में 775 डिग्गियां बनवाने का लक्ष्य दिया गया है।
-बलकरण सिंह, सहायक निदेशक, कृषि विभाग हनुमानगढ़
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Updated on:
24 Jun 2025 08:01 pm
Published on:
24 Jun 2025 08:00 pm