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साठ बरस पहले बनी नहरें हुई जर्जर, नुकसान उठा रहे किसान

हनुमानगढ़. भाखड़ा परियोजना की प्रमुख दो नहरें करणी सिंह तथा सादुलब्रांच नहरों की स्थिति अब काफी दयनीय हो गई। स्थिति यह है कि तय डिजाइन के अनुसार इसमें पानी चलाना संभव नहीं हो रहा।

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साठ बरस पहले बनी नहरें हुई जर्जर, नुकसान उठा रहे किसान

साठ बरस पहले बनी नहरें हुई जर्जर, नुकसान उठा रहे किसान

-भाखड़ा परियोजना की करणी सिंह व सार्दुल ब्रांच नहर के हालात खराब
हनुमानगढ़. भाखड़ा परियोजना की प्रमुख दो नहरें करणी सिंह तथा सादुलब्रांच नहरों की स्थिति अब काफी दयनीय हो गई। स्थिति यह है कि तय डिजाइन के अनुसार इसमें पानी चलाना संभव नहीं हो रहा। राजस्थान सरकार इन नहरों के पुननिर्माण को लेकर गंभीर नहीं हो रही है। जर्जर नहर की स्थिति सुधारने की मांग को लेकर किसानों ने आगे मुख्य अभियंता से मिलने का निर्णय लिया है। किसान नेता ओम जांगू के अनुसार भाखड़ा की इन दोनों नहरों को बने करीब 69 वर्ष बीत गए हैं। इसलिए कुछ जगह से लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। जांगू ने बताया कि सादुल ब्रांच में पानी घटाकर 1100 क्यूसेक कर दिया गया है। इस नहर में क्षमता के अनुसार पानी चलाने में दिक्कतें आ रही है। आरडी 36 पर बने हेड रेगुलेटर भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नहरों में पूरा पानी नहीं चलने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। स्थिति में सुधार के लिए अब मुख्य अभियंता सिंचाई हनुमानगढ़ कार्यालय के आगे 28 अक्टूबर को किसानों, नहर अध्यक्षों व जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में नहर की रीलाइनिंग के लिए डीपीआर बनाने का मुद्दा अहम रहेगा। किसान नेताओं की मांग है कि राजस्थान सरकार नहर की रीलाइनिंग के लिए तत्काल बजट जारी कर आगामी 26 मार्च से होने वाली बंदी में काम शुरू करवाए। ताकि नहरों में क्षमता के अनुसार पानी चलाया जा सके।

इतनी है क्षमता
भाखड़ा परियोजना की बात करें तो दोनों प्रमुख नहरों की क्षमता करीब 1700 क्यूसेक पानी चलाने की है। लेकिन वर्तमान में इनमें 1200 से 1400 क्यूसेक पानी ही चलाया जा रहा है। इसमें भी दोनों प्रमुख नहरों में पानी क्षमता के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट के अनुसार तय डिजाइन की मानें तो सादुल ब्रांच नहर की क्षमता 1245 तथा करणी सिंह ब्रांच की क्षमता 469 क्यूसेक है।

संयुक्त टीम ने किया निरीक्षण
भाखड़ा रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक में नहरों के दोबारा निर्माण का मुद्दा जोर-शोर से उठा था। इसके बाद अधिकारियों व किसान प्रतिनिधियों की संयुक्त टीम ने नहर क्षेत्र का निरीक्षण कर लिया है। अब देखना यह है कि संयुक्त टीम की ओर से लिए गए निर्णय की पालना में सरकार कब तक बजट जारी करके नहरों के पुननिर्माण प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाती है।

जरूरत कर रहे महसूस
भाखड़ा नहर को बने करीब 69 वर्ष हो गए हैं। पुननिर्माण की जरूरत महसूस की जा रही है। किसान संगठन भी इस मांग को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं। सक्षम स्तर पर चर्चा के बाद सरकार को प्रस्ताव भिजवाएंगे।
-रामाकिशन, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़