पहले तो लाठी खाकर लिया एमएसपी का हक, अब फिर बेपरवाह हुई सरकार
-जिले की मंडियों में धान की बम्पर आवक शुरू, समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर सरकारों ने मूंदी आंखें
-किसानों को हो रहा नुकसान, एमएसपी से कम रेट पर फसल बेचने को हो रहे मजबूर
हनुमानगढ़. करीब डेढ़ दशक बाद जिले के धान उत्पादक किसानों को गत वर्ष एमएसपी का हक मिला था। वह भी आसानी से नहीं। कलक्टे्रट पर प्रदर्शन करने वाले किसानों को इसके लिए पहले लाठियां खानी पड़ी थी। लंबे संघर्ष के बाद सरकारें जगी थी, किसानों के दबाव में सरकारी खरीद शुरू करने का फरमान भी जारी किया था। इससे गत वर्ष जिले के किसानों को करोड़ों का फायदा हुआ था।
परंतु अब फिर से चालू वर्ष में केंद्र व राज्य सरकारों ने किसान हित के मुद्दे पर आंखे मूंद ली है। इस वजह से किसान औने-पौने दाम पर धान की फसल बेचने को मजबूर हो रहे हैं। जिले की स्थिति यह है कि इस समय मंडियों में धान की बम्पर आवक शुरू हो गई है। लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शुरू करने को लेकर सरकार स्तर पर किसी तरह का निर्देश जारी नहीं किया गया है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं।
एमएसपी पर धान की खरीद शुरू करने की मांग को लेकर किसान संगठन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं। लेकिन केंद्र व राज्य सरकार में से कोई भी किसानों की आवाज को तवज्जो नहीं दे रही है। धान की खेती के हिसाब से इस महीने मंडियों में अच्छी आवक होगी। जल्द सरकार स्तर पर एमएसपी पर धान खरीद का निर्णय नहीं लिया जाता है तो क्षेत्र के किसानों को करोड़ों का नुकसान होगा। बेहतर इसी में है कि सांसद, विधायक सहित अन्य सरकारी तंत्र में शामिल लोग किसानों की मांग को मजबूती प्रदान करते हुए सरकार को इस मुद्दे पर जगाने का प्रयास करें। ताकि धरतीपुत्रों को उपज का उचित नहीं तो कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य तो मिल सकेगा।
इतनी हो रही आवक
हनुमानगढ़ टाउन मंडी में इस समय करीब 5000 क्विंटल धान की आवक हो रही है। इसी तरह जंक्शन मंडी में करीब 4000 क्विंटल धान की आवक हो रही है। अन्य मंडियों में भी यही स्थिति है। इस वक्त धान के औसत भाव 2150 रुपए से शुरू हो रहे हैं। जबकि जिले में इस बार पीआर धान का समर्थन मूल्य 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। अच्छी पैदावार के बावजूद सरकार ने धान की सरकारी खरीद को लेकर आंखें मूंद रखी है।
हो रहा आर्थिक नुकसान
घग्घर नदी क्षेत्र में इस बार करीब चार बार पानी की आवक हुई। इससे बड़े स्तर पर बिजाई के साथ फसल को पकाई के लिए भी पर्याप्त सिंचाई पानी मिला। फसल की गुणवत्ता भी ठीक बताई जा रही है। लेकिन सरकार ने अब तक धान की सरकारी खरीद को लेकर केंद्र स्वीकृत नहीं किए हैं। ना ही सरकारी खरीद को लेकर किसी तरह का निर्देश जारी किया है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जानकारों का कहना है कि यदि जल्द सरकार स्तर पर एमएसपी पर खरीद शुरू नहीं होती है तो भविष्य में धान के रेट और नीचे जा सकते हैं। किसान हित में ठीक यही रहेगा कि सरकार एमएसपी पर धान खरीद शुरू करवाए।
औसत भाव इतने
टाउन व जंक्शन मंडी में परमल धान की अच्छी आवक हो रही है। एमएसपी पर धान खरीद को लेकर किसी तरह का निर्देश हमें प्राप्त नहीं हुआ है। अक्टूबर के पूरे महीने में धान की आवक होगी। धान के औसत भाव 2150 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से शुरू हो रहे हैं। हनुमानगढ़ जिले में इस बार धान का एमएसपी रेट 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
-सीएल वर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति हनुमानगढ़