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गोल्ड के तीखे तेवर से ब्याह में जेवर बनवाना हो रहा मुश्किल, निवेश करने वालों की मौज

गोल्ड के तीखे तेवर से ब्याह में जेवर बनवाना हो रहा मुश्किल, निवेश करने वालों की मौज

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गोल्ड के तीखे तेवर से ब्याह में जेवर बनवाना हो रहा मुश्किल, निवेश करने वालों की मौज

- 1924 में 18.75 रुपए प्रति दस ग्राम था सोना, 2024 में 71550 रुपए सात सालों में गोल्ड व चांदी के दाम में करीब 43 हजार रुपए आया उछाल

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हनुमानगढ़. गोल्ड के तीथे तेवर से आमजन इससे दूर होता जा रहा है। हालात यह है कि गत सात वर्ष में 42750 रुपए प्रति दस ग्राम की बढ़ोतरी हो चुकी है। 2018 में सोने के दाम 31750 रुपए प्रति दस ग्राम थे तो 2024 में 24 केरेट सोने के दाम 74500 रुपए पहुंच गए हैं। वहीं 2018 में चांदी की कीमत 39525 प्रति किलो थी तो 2024 में 83500 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। जानकारों की माने तो बाजार में इसी तरह कीमतें बढ़ती रही तो 2025 में गोल्ड व सिल्वर का दाम एक लाख रुपए के करीब पहुंच जाएगा। सोना व चांदी के दामों में किस तरह उछाल आया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आजादी से पहले सोने की चिडिय़ा कहलाने वाला हमारे भारत देश में 1924 में सोने के दाम 18.75 रुपए प्रति दस ग्राम थे। 2024 में 22 केरेट गोल्ड के दाम 71550 रुपए व 24 केरेट सोने के दाम 74500 प्रति दस ग्राम पहुंच गए हैं। लोगबाग अमूमन 'यादा मात्रा में सोना तभी खरीदते हैं जब ब्याह आदि शुभ कार्यों के लिए आभूषण बनवाने हो। मगर सोने के तीखे तेवर के चलते ब्याह में जेवर बनवाना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं सोने में निवेश करने वालों की पौबारह हो रही है। क्योंकि लगातार तेजी से बढ़ते भाव के कारण सोने में निवेश अ'छा-खासा रिटर्न दे रहा है। जबकि आम भारतीय की पहुंच से सोना अब पहले की तुलना में 'यादा तेजी से दूर होता जा रहा है। ब्याह शादी का मोटा बजट जेवरात में ही हो रहा है। भूखंड पर ऋण के लिए एनओसी, गोल्ड पर नहीं नकदी के बाद सोना सबसे तरल निवेश है। सोने को कभी भी, कहीं भी बेचकर बाजार मूल्य के बराबर पैसा पाया जा सकता है। सोने को गिरवी रख बैंक से लोन लेना हो तो आधे घंटे में ऋण देने का दावा करते हैं। इसके लिए कोई कागजात की जरुरत नहीं होती। जबकि किसी भूखंड पर ऋण लेने जाए तो बैंक कागजात पूरा करवाने के लिए एक से डेढ़ माह तक चक्कर निकलवाते हैं। ऋण भी तब मिलता है, जब स्थानीय निकाय की ओर से जारी पट्टा व एनओसी। जबकि हॉलमार्क गोल्ड होने पर 85 प्रतिशत तक ऋण दिया जाता है और अगर सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क नहीं है तो उसे 18 केरेट का सोना मानकर बैंक ऋण देता है। इसलिए हॉलमार्क युक्त ही सोना खरीदना चाहिए। छोटे व्यापारी पर संकट गोल्ड के बढ़ते दामों से बढ़े व्यापारी को लाभ मिल रहा है। दरअसल दाम कम होने पर बड़ा व्यापारी या फिर 'वेलरी शोरूम के मालिक गोल्ड का स्टॉक कर लेते हैं। जबकि छोटे व्यापारी के लिए सोने का व्यापार करना मुश्किल हो गया है। निरंतर बढ़ते दामों के कारण छोटा व्यापारी स्टॉक नहीं रख सकता है। डिमांड के अनुसार बाजार में सोना खरीदकर आभूषण तैयार करता है। छोटा व्यापारी इस तरह के सोने के व्यापार से जैसे-तैसे घर ही चला पा रहा है। वहीं हनुमानगढ़ में हॉलमार्क सेंटर नहीं होने से व्यापारी को परेशानी हो रही है। हनुमानगढ़ के नजदीक श्रीगंगानगर में हॉलमार्क सेंटर है। ऐसे में छोटे व्यापारी को हॉलमार्क सेंटर में आना-जाना मुश्किल हो गया है। हर तरह से छोटे व्यापारी पर संकट है।