
एफसीआई गोदाम में आने-जाने के लिए नहीं निकाला विकल्प,
यह है मामला
टाउन का कॉलेज फाटक बंद करवाने से पहले जिला प्रशासन ने जांच तक नहीं की और २०१७ में एनओसी जारी कर दी। एनओसी जारी करने से पहले किसी के ध्यान में यह तक नहीं आया है कि कॉलेज फाटक को बंद कर दिया गया तो एफसीआई गोदाम की आवाजाही कैसे होगी। इसी एनओसी के आधार पर रेलवे ने करीब दो करोड़ की लागत से अंडरपास का निर्माण कर कॉलेज फाटक को बंद कर दिया। इसकी वजह से रेलवे लाइन के उस पार एफसीआई गोदाम में आने व जाने के लिए ट्रक कोहला नहर से होते हुए मोहल्लों का रास्ता अपनाते हैं। इन रिहायशी इलाके में ट्रकों के गुजरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जानकारी के अनुसार इस भारतीय खाद्य निगम के गोदाम की क्षमता ६३७२० मेट्रिक टन है। सरकार की विभिन्न योजना एनएफएसए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में वितरित होना प्रस्तावित है। हनुमानगढ़ में सरकार की विभिन्न योजनाओं में खाद्यान वितरण का मुख्य केंद्र यही गोदाम है। इसके अलावा हनुमानगढ़ टाउन मंडी में अनुमानित गेहूं की खरीद १.३० मेट्रिक टन होती है। जिसमें से आधी खरीद का भण्डारण भी इसी एफसीआई गोदाम में होता है।
यह थी योजना
एफसीआई गोदाम की आवाजाही ठप होने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी हरकत में आए थे और एक बार केवल विकल्प के तौर पर एफसीआई गोदाम के पास से सड़क का निर्माण करवाने का निर्णय लिया था। वहीं एफसीआई गोदाम के लिए अलग से अंडरपास होने का ठोस समाधान निकाला गया था। अंडरपास निर्माण को लेकर ना तो एफसीआई की ओर से कोई योजना तैयार की गई है और ना ही स्थानीय प्रशासन ने इसके बाद इस पर कोई विचार किया।
Published on:
26 Aug 2024 12:15 pm
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