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Farmer Protest: राजस्थान में किसान महापंचायत का एलान, हनुमानगढ़ आंदोलन में राकेश टिकैत की एंट्री

Farmer Protest: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में किसान आंदोलन तेज हो गया है। स्थानीय किसानों की मांगों के समर्थन में अब किसान नेता राकेश टिकैत भी जुड़ गए हैं। टिकैत की एंट्री के साथ आंदोलन को नई दिशा देने के लिए महापंचायत का एलान किया गया है।

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Rajasthan Farmer Protest

राकेश टिकैत (फोटो- पत्रिका)

Rajasthan Farmer Protest: हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर चल रहा विवाद लगातार उग्र होता जा रहा है। स्थानीय स्तर पर शुरू हुआ आंदोलन अब प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीतिक हलकों तक पहुंच गया है।

इसी बीच खबर है कि किसान नेता राकेश टिकैत 17 दिसंबर को प्रस्तावित महापंचायत में शामिल होंगे। जिला कलेक्ट्रेट पर होने वाली इस महापंचायत में कई किसान यूनियनें और प्रमुख नेता जुटेंगे। पूर्व विधायक बलवान पूनिया ने बताया, विभिन्न संगठनों ने समर्थन जताया है और तय किया है कि जब तक किसानों की मांगों पर ठोस निर्णय नहीं होता, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

किसानों का कहना है कि निर्माणाधीन एथेनॉल प्लांट आसपास के क्षेत्र के लिए खतरा है और यह उनकी सहमति के बिना शुरू किया गया प्रोजेक्ट है। गुरुवार सुबह जब ग्रामीण और किसान महापंचायत की तैयारियों को लेकर बैठक करने जुट रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इससे स्थानीय लोगों में और नाराजगी बढ़ी है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि शांति बनाए रखना प्राथमिकता है।

उधर, टिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा गांव में फैक्ट्री में हुई आगजनी की घटना के बाद प्रशासन पूर्ण सतर्कता बरत रहा है। घटना के चौथे दिन भी इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं। फैक्ट्री परिसर और आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि स्थिति नियंत्रण में है और इलाके में शांति बनी हुई है।

सरकार की ओर से भी विवाद सुलझाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। सादुलशहर विधायक गुरवीर सिंह बराड़ ने टिब्बी पहुंचकर किसानों और महिलाओं से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी सभी मांगें लिखित रूप में मिलते ही मुख्यमंत्री के सामने रखी जाएंगी और समाधान निकालने की प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी।

इस बीच, कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) वीके सिंह ने बताया कि आगजनी और हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और अब तक 100 से अधिक व्यक्तियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।

घटनाओं में पुलिस और होमगार्ड के करीब तीन दर्जन जवान घायल हुए हैं। उनका कहना है कि कुछ बाहरी तत्वों ने माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की, जिसके चलते स्थिति अचानक बेकाबू हुई।

मामले के राजनीतिक स्वरूप लेने के बाद अब प्रशासनिक अधिकारियों पर भी उंगली उठ रही है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए कलेक्टर और एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बेनीवाल का आरोप है कि प्रशासन ने आंदोलन को बलपूर्वक दबाने की कोशिश की, जिससे हालात और बिगड़े।