
फाइल फोटो
Farmers Worried over MSP :हनुमानगढ़ जिले की मंडियों में धान की आवक शुरू हो गई है। अगले सप्ताह से बम्पर आवक हो सकती है। इस बीच किसान संगठन व स्थानीय जनप्रतिनिधि सीएम से लेकर खाद्य मंत्री तक उक्त मांग से अवगत करवा चुके हैं। परंतु सरकार MSP पर फसलों की खरीद मामले में टस से मस नहीं हो रही है। हनुमानगढ़ विधायक गणेशराज बंसल ने विधानसभा में भी इस मांग को रखा था। इसमें जिले में धान का रकबा बढ़ने का जिक्र करके 1 सितम्बर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने तथा मूंगफली क्रय को लेकर खरीद केंद्र स्वीकृत करने की मांग की थी। परंतु सरकार ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी रहे अमित चौधरी व भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक ने सीएम भजनलाल को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया है। जैसे-जैसे मंडियों में आवक बढ़ेगी, वैसे-वैसे किसानों में एमएसपी को लेकर बेचैनी बढ़ेगी। वर्तमान में किसानों को एमएसपी से काफी नीचे की दर से फसल बेचनी पड़ रही है। किसान संगठनों ने दस सितम्बर तक का अल्टीमेटम सरकार को दिया है। यानी कल के बाद किसान आंदोलन की नई रणनीति बनाकर सरकार को जगाने का प्रयास करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रेशम सिंह मानुका ने बताया कि दस सितम्बर को कलक्ट्रेट में गांधी पार्क में किसानों की बैठक बुलाई गई है। इस बार किसान आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। क्योंकि हर वर्ष किसानों को एमएसपी लेने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।
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हनुमानगढ़ जिले में इस बार पीआर धान 123128 एमटी उत्पादन का अनुमान है। जबकि बासमती धान की 244970 एमटी धान का उत्पादन होने की उम्मीद है। 86850 एमटी मूंग, 19258 एमटी मोठ, 43233 एमटी मूंगफली का उत्पादन होने का अनुमान है। एमएसपी पर यदि फसलों की खरीद नहीं हुई तो किसानों को बड़े स्तर पर अर्थिक हानि होगी।
हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी में धान के भाव करीब 1800 रुपए प्रति क्विंटल लग रहे हैं। जबकि सरकार ने इस बार पीआर धान का एमएसपी 2300 रुपए से अधिक निर्धारित किया हुआ है। इस तरह करीब पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक बीघे में करीब बीस क्विंटल धान उत्पादन का अनुमान है। इस तरह प्रति क्विंटल पांच सौ रुपए तक नुकसान होने पर किसानों को प्रति बीघा करीब दस हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
धान सहित अन्य खरीफ फसलों के मंडी में आने के बावजूद सरकारी खरीद पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में किसान हैरान-परेशान हो रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने किसानों की पीड़ा को समझकर सरकारी खरीद शुरू करने को लेकर अभियान चलाया है। पत्रिका टीम ‘उचित तो दूर एमएसपी के लिए तरह रहे किसान’ शीर्षक से अभियान चलाकर सिलसिलेवार समाचारों का प्रकाशन कर किसानों व व्यापारियों की आवाज को बुलंद कर रहा है।
मेरे स्तर पर मैंने समय-समय पर धान सहित अन्य खरीफ फसलों की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को लेकर सरकार को अवगत करवाया है। विधानसभा में इस संबंध में मांग उठाकर सरकार के समक्ष रखा। कुछ नीतिगत मामले होते हैं, जिन पर फैसले सरकार स्तर पर ही लिए जाते हैं।
कांग्रेस हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष सुरेंद्र दादरी ने बताया सरकार एमएसपी पर फसलों की खरीद नहीं कर रही है। धान सहित अन्य फसलों के मंडी में भाव काफी कम लग रहे हैं। किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग को हम जल्द कलक्टर से मिलेंगे। प्रदेश नेतृत्व को भी मांगों से अवगत करवाएंगे। ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके। -सुरेंद्र दादरी,
भाजपा नेता, हनुमानगढ़ अमित चौधरी ने कहा मैंने सीएम को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें कृषि प्रधान जिला होने का उल्लेख करते हुए शीघ्र जिले में एमएसपी पर फसलों की खरीद शुरू करने की मांग की है। उम्मीद है जल्द सरकार अब किसान हित में निर्णय लेगी।
भारतीय किसान संघ हनुमानगढ़ अध्यक्ष प्रताप सिंह सुडा ने बताया जिले की मंडियों में धान, मूंग, मूंगफली सहित सभी खरीफ फसलों की सरकारी खरीद बीस सितम्बर से शुरू करने की मांग को लेकर कलक्टर को दो दिन पहले ज्ञापन सौंपा है। गौर नहीं किया गया तो हमारा संगठन किसान हित में आंदोलन तेज करेगा।
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Published on:
09 Sept 2024 03:49 pm
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