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Rajasthan By Election : राजस्थान भाजपा में हो सकता है उपचुनाव से पूर्व बड़ा बदलाव!

Rajasthan By Election : राजस्थान में पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियां चल रही हैं। भाजपा हर हाल में इन सीटों में भगवा परचम लहराना चाहती है। नई रणनीति के तहत भाजपा अब जातियों को रिझाने की कोशिश में लग गई है। ऐसी चर्चा है कि राजस्थान भाजपा में बड़ा बदलाव हो सकता है।

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Rajasthan BJP Big Change Before By Election

Rajasthan By Election : राजस्थान भाजपा में हो सकता है उपचुनाव से पूर्व बड़ा बदलाव

Rajasthan By Election : लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान में जातियों का कमाल दिखा। जिसकी वजह से 11 सीटें उसके हाथ से फिसल गई। पर सूबे में 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। तैयारियां पूरे जोर शोर से चल रही है। भाजपा ने इन 5 विधानसभा सीट को अपनी नाक का सवाल बना लिया है। उपचुनाव की सीटों पर भगवा परचम लहराने के लिए अब भाजपा प्रदेश में जातिगत फार्मूले को आजमाना चाहती है। जिसके लिए वह राजस्थान भाजपा में कुछ बड़ा बदलाव कर सकती है। राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि राजस्थान में अध्यक्ष, प्रभारी और उपाध्यक्ष को बदलने की भाजपा आलाकमान तैयारी कर रही है। उधर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उपचुनावों में सभी 5 सीटों पर जीत का दावा किया है। साथ में यह संकेत दिए हैं कि संगठन में कोई बदलाव नहीं होगा।

इन 5 सीटों पर गौर करें

अब अगर गौर करें तो आंकड़ों के अनुसार जिन 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें झुंझुनूं और नागौर सीट जाट जाति प्रभाव है। वहीं दूसरी तरफ एसटी बाहुल्य सीटों में देवली-उनियारा, चौरासी और दौसा हैं। पर अगर भाजपा संगठन में एक नजर दौड़ाई जाए तो ढेर सारे पदों की जिम्मेदारी एक ही जाति के लोग निभा रहे हैं। जिसमें प्रदेशाध्यक्ष, उपाध्यक्ष से लेकर कार्यालय प्रभारी, मीडिया प्रभारी, सोशल मीडिया और आईटी हेड के पद हैं।

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इन तीनों जातियों को साधने की तैयारी

मौजूदा राजस्थान सरकार में जाट, मीणा और गुर्जर जाति के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली। जिसका असर लोकसभा चुनावों में साफ-साफ दिखा। जाट वर्ग की नाराजगी से शेखावाटी क्षेत्र में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं, पूर्वी राजस्थान में विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था। पर लोकसभा चुनावों में भाजपा यहां अधिकतर सीटें हार गई। इस हार के पीछे मुख्य वजह मीणा और गुर्जर वर्ग की नाराजगी रही है।

हार का लोकल बॉडी इलेक्शन पर आएगा असर

मान लीजिए की भाजपा उपचुनाव की 5 सीटें हार गई। तो भी भजनलाल सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। पर आने वाले लोकल बॉडी इलेक्शन पर इसका असर जरूर दिखेगा। हार का लम्बा असर न पड़े इसलिए भाजपा इन 5 सीटों को जीतना चाहती है। भाजपा की मजबूरी है कि वो जातिगत समीकरण को साधे। इसलिए भाजपा में मंथन और चर्चाओं का दौर जारी है।

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