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हनुमानगढ़ की बेटियां बढ़ा रही देश का मान

हनुमानगढ़. द्वितीय वल्र्डकप योग चैम्यिनशिप सिंगापुर 2021 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हनुमानगढ़ की बेटियों का सम्मान किया गया।

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हनुमानगढ़ की बेटियां बढ़ा रही देश का मान

हनुमानगढ़ की बेटियां बढ़ा रही देश का मान

हनुमानगढ़ की बेटियां बढ़ा रही देश का मान
- योग चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली लड़कियों का सम्मान
हनुमानगढ़. द्वितीय वल्र्डकप योग चैम्यिनशिप सिंगापुर 2021 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हनुमानगढ़ की बेटियों का सम्मान किया गया। जंक्शन स्थित चाणक्य क्लासेज प्रागंण में हुए समारोह में अनुराधा दूधवाल फतेहगढ़, कोकिला स्वामी कोहला, भावना पारीक ढाबा, लावणया स्वामी हनुमानगढ़ एवं शिल्पी गहलोत उदयपुर का अतिथियों ने स्मृति चिह्न एवं प्रशंसा पत्र देकर सम्मान किया। मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य जूडो एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष तरूण विजय ने कहा कि हनुमानगढ़ में प्रतिभाएं बहुत हैं। बस सही समय पर उनको मार्गदर्शन की जरूरत है। कार्यक्रम अध्यक्ष एवं संस्था निदेशक राज तिवाड़ी ने कहा कि देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। अभिभावक यदि प्रोत्साहन दे तो बेटियां सफलता के झंडे गाड़ सकती हैं। इस दौरान ऑल इंडिया योग स्पोट्र्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्याम पाण्डे, मनीराम स्वामी, राजस्थान योग स्पोट्र्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास अग्रवाल, इंजीनियर राजेन्द्र स्वामी, शाशि अजय स्वामी, शिव पारीक, योगेश स्वामी, सोहन भाम्भू, जनक सिंह, विजय स्वामी, रामलाल दूधवाल, सुरजमोहन स्वामी, बृजलाल स्वामी, प्रदीप तिवाड़ी, कुलवंत सिंह आदि मौजूद रहे।

चलाएंगे विशेष अभियान
नोहर. शिक्षक संघ राष्ट्रीय की वर्चुअल बैठक प्रदेश सचिव पवन जाखड़ की अध्यक्षता में हुई। इसमें शैक्षिक उन्नयन एवं प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए विशेष अभियान चलाकर उनके दो वर्षों के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने का प्रस्ताव रखा गया। बैठक में संगठन के सामाजिक सरोकार व शिक्षक की कोरोना योद्धा के रूप में कार्यप्रणाली पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना की विषम परिस्थितियों में शिक्षकों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षकों ने डीए जारी करने, बकाया डीपीसी करने, प्रकरणों का निस्तारण करने आदि की मांग की गई। इसमें राजेश थाकण, रामरतन मान, चंद्रशेखर पूनिया, दयाराम भांभू, विनोद बेनीवाल, हरीश शर्मा, धर्मपाल तनाण, शैलेन्द्र बैदा, महेन्द्र मिश्रा आदि ने विचार व्यक्त किए।[नसं.]