
arjun bagri angry on state children care center
संगरिया. उपखंड में बाल अधिकार संरक्षण की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम कार्यालय सभागार में निश्चित बैठक की तैयारी नहीं होने सहित अधिकारियों की गैर मौजूदगी पर शुक्रवार को यहां पहुंचे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अर्जुन बागड़ी भड़क गए। उन्होंने मुख्य सचिव व कलक्टर को तुरंत फोन करके बताया कि ऐसी कोताही बर्दाश्त से बाहर है। आयोग कलक्टर से लेकर नीचे तक सब पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। उनके आने का औचित्य ही बेकार कर दिया।
बागड़ी बालकों के लिए शिक्षा का अधिकार, बाल श्रम उन्मूलन, पीसीपीएनडीटी एक्ट, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन, आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए पोषाहार व्यवस्था व्यवस्थाओं पर विस्तार से समीक्षा करने और बैठक में चर्चा के लिए पहुंचे थे। बागड़ी ने कहा कि ये प्रशासन की घोर कोताही है। एक गलती का खामियाजा रेयान स्कूल उठा रहा है। आयोग चाहता है कि जिले में ऐसी घटना ना हो इसके लिए बैठक की सूचना पांच दिन पहले ही भेज दी गई।
१२.४० पर वे पहुंच गए पर कोई तैयारी नहीं होना आदेशों की अवहेलना तथा बाल संरक्षण के प्रति निरंकुशता की पराकाष्ठा है। बालकों के हितों से जुड़े सीडीपीओ, चिकित्सा, शिक्षा विभाग की संवेदनशील मामले में मुख्य भूमिका है लेकिन वे भी नहीं आए। गहरी नाराज़गी जताते हुए वे बिना बैठक लिए लौट गए। हालांकि आनन-फानन में बीसीएमओ प्रदीप कड़वासरा व परिवहन निरीक्षक सुरेश बिश्रोई बुलाने पर पहुंच गए।
बैठक का यूं था एजेंडा
शुक्रवार दोपहर १२.३० बजे से उपखंड कार्यालय सभागार में किशोर न्याय अधिनियम २०१५, पोक्सो-२०१२, आरटीई-२००९ एवं बाल संरक्षण संबंध में सभी विषयों पर चर्चा तथा बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता लाने के लिए मुद्दे।
होनी थी इनकी उपस्थिति
बैठक में उपखंड स्तर के सभी अधिकारी, एसडीएम, चौकी प्रभारी, बीडीओ, बाल कल्याण समिति पदाधिकारी, किशोर न्याय बोर्ड, बाल संरक्षण इकाई, सीडीपीओ, उप निदेशक एसजेई, डीटीओ, फोरेस्ट रेंजर, बाल कल्याण अधिकारी, बीसीएमओ को संपूर्ण जानकारी के साथ उपस्थित होना था।
किया औचक निरीक्षण, दी सीख
इससे पूर्व बागड़ी ने वार्ड आठ स्थित आंगनबाड़ी केंद्र, बीएन व केआर उच्च माध्यमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। बच्चों से स्मार्टफोन कक्षा में नहीं लाने, १८ से कम आयु वालों को बाइक नहीं चलाने, स्कूल या लोकल बसों में परिवहन करने, दुर्घटनाओं से बचने व स्वास्थ्य की दृष्टि से साइकल का उपयोग करने सहित ब्ल्यू व्हेल गेम नहीं खेलने की सीख दी। उन्होंने बच्चों से किसी भी तरह की समस्याएं स्कूल प्रशासन या बस व पढाई सहित बाल अधिकारों को लेकर शिकायत होने पर २४ घंटे क्रियाशील टोल फ्री नंबर १०९८ पर कॉल करने को कहा।
इस पर कॉल करने के तुरंत बाद आधे घंटे के अंदर टीम पूरी तरह से समस्या का निस्तारण कर उनका सहयोग करेगी। वे बोले पुस्तकें हमारी मित्र हैं इसलिए जितना समय आज हम इंटरनेट व मोबाईल को दे रहे हैं उससे कहीं ज्यादा पुस्तकों को देने पर ही हम ऊंची सोच व पद को प्राप्त कर सकते हैं। आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ काफी समय बिताते हुए कविताएं सुनी।
उन्होंने पत्रकार वात्र्ता में पीसीपीएनडीटी कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता, सोनोग्राफी सेंटरों का औचक निरीक्षण, की गई सोनोग्राफी हिस्ट्री जांच कराने, बाल कल्याण समिति एवं पुलिस विभाग से समय-समय पर रेस्टोरेंट एवं अन्य संस्थानों का निरीक्षण करने एवं बाल श्रम पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई करने, मिलाप योजना तहत मिलने वाले बच्चों को परिजनों तक पहुंचाने एवं उन्हें पुन: मिलाने की कार्रवाई करने सहित अनेक मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने औचक निरीक्षण दौरान कहा कि वे नहीं चाहते ही श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में रेयान स्कूल की तरह कोई प्रद्युमन्न शिकार हो।
स्कूलों में बस चालक व परिचालक का पुलिस वेरिफिकेशन करवाने, बाल वाहिनी व स्कूल में सीसीटीवी लगाने, बाल वाहिनी से जाने वाले बच्चों को घर के दरवाजे तक छोड़कर जाने, बस में अपरिचित को नहीं चढ़ाने, वर्दी पहनने, बाइक पर आने वाले बच्चों को हेलमेट पहनने की अनिवार्यता तथा बाथरुम व टॉयलेट की समय पर निगरानी करने के निर्देश भी दिए हैं। निरीक्षण दौरान उनके साथ बाल कल्याण समिति हनुमानगढ़ अध्यक्ष जोधासिंह, सदस्य देवकीनंदन चौधरी, एसएसओ सुभाषचंद्र, छात्रावास अधीक्षक भावना बिश्रोई तथा पुलिस उप निरीक्षक ओमप्रकाश गोरा थे।
Published on:
15 Sept 2017 05:23 pm
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