
हापुड़। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग काफी एहतियात बरत रहे हैं। वेस्ट बंगाल के पुरुलिया में भी कुछ लोगों ने खुद को क्वारंटाइन करने के लिए पेड़ पर आशियाना बना लिया था। अब ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ में सामने आया है। हापुड़ के असौड़ा गांव में रहने वाले एक वकील ने बाग में पेड़ पर अपना आशियाना बना लिया है। अब उनका खाना—पीना वहीं पेड़ के ऊपर हो रहा है।
जिला बार में हैं अधिवक्ता
असौड़ा के रहने वाले मुकुल त्यागी पेशे से वकील हैं। वह जिला बार में अधिवक्ता हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्रकृति के करीब आने का दिल किया। यह सोचकर उन्होंने पेड़ पर अपना आशियाना बनाने का ठान लिया। इस काम में उनकी मदद उनके बेटे श्रेष्ठ त्यागी ने की। दो दिन की मेहनत के बाद बाग में उन्होंने पेड़ पर आशियाना बनाया। पेड़ पर ही उन्होंने एक झूला भी लगाया, जिसमें वह बैठकर किताबें भी पढ़ते हैं। गुरुवार की रात से उन्होंने वहां पर रहना शुरू कर दिया। घर से उनका खाना—पीना आता है। जबकि नहाने के लिए बाग में ही ट्यूबवेल हैं। मुकुल त्यागी पेड़ पर बने मचान पर धार्मिक किताबें पढ़कर लॉकडाउन का पालन कर रहे है। ट्री हाउस में उनको शुद्ध हवा भी मिल रही है। गुरुवार रात वह उसी ट्री हाउस में सोए भी थे।
नेचर काफी पसंद है
मुकुल त्यागी का कहना है कि उनको नेचर काफी पसंद है। लॉकडाउन के समय में घ्रर में उहते तो टीवी देखकर समय बीत रहा था। इससे उन्हें बोरियत लगने लगी थी। नेचर की तरफ उनका झुकाव है। इस वजह से उन्होंने पेड़ पर अपना आशियाना बनाने की ठानी। वहीं बाग में ही ट्यूबवेल भी है। पेड़ पर चढ़ने के सीढ़ी बनी हुई है। खाना घर से आ जाता है। यहां उन्हें किताबें पढ़ना काफी अच्छा लग रहा है।
सोशल डिस्टेंसिंग का भी कर रहे पालन
उन्होंने कहा कि जब प्लेग आया था तब लोग जंगलों में रहे थे। इससे वह सोशल डिस्टैंसिंग का भी पालन कर रहे हैं। मुकुल के बेटे श्रेष्ठ त्यागी का कहना है कि उन्हें पिता का आइडिया अच्छा है। उन्होंने इस काम में अपने पिता का सहयोग दिया है।
Updated on:
10 Apr 2020 03:07 pm
Published on:
10 Apr 2020 03:02 pm
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