
पत्रिका लोगो
---नपा के नेता प्रतिपक्ष अमर रोचलानी,सुप्रिया पटेल,प्रीति चौहान,जैबुनिशा खान व अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने मंगलवार को कलेक्टर के सामने आरोप लगाया कि नपा ने 3 साल में किराए की जेसीबी की आड़ में पार्षद के भाई को 1.25 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचाया है। सभी पार्षदों ने जेसीबी किराए से देेने की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर थाने में एफआईआर दर्ज कराने और जनता के टैक्स की यह अनुचित भुगतान की गई राशि वापस लेने की मांग की। ऐसा न होने पर कांग्रेसियों ने जनहित में कोर्ट की शरण लेने की बात कही है। कांग्रेस पार्षदों ने उस टेंडर को निरस्त करने की मांग की है,जिसमें जेसीबी किराए से लेने के लिए पुन: टेंडर लगाया है। इसके बजाय नई जेसीबी खरीदी का प्रस्ताव परिषद में लाने की मांग की। जिससे 30 से 35 लाख में नई मशीन की स्थायी खरीदी की जा सके। किराए के भुगतान में होने वाली आर्थिक अनियमितता रोकी जा सके।पार्षदों ने यह भी दावा किया कि लॉकडाउन में भी जेसीबी का उपयोग होना बताकर भुगतान किया,जबकि उस दौरान सब कुछ बंद था। मालूम हो कि 20 मार्च को हुई परिषद की बैठक में भी कांग्रेसी पार्षदों ने इस पर अध्यक्ष से जवाब चाहा था। जिस पर नपाध्यक्ष भारती कमेडिया व सांसद प्रतिनिधि राजू कमेडिया ने तत्कालीन अध्यक्ष के समय के भुगतान व टेंडर होने का हवाला दिया। पूरे घटनाक्रम के दौरान सीएमओ पूर तरह खामोश रहे।
यह है शिकायत:
-नपा 2019 से हर साल श्रीराम एक ही व्यक्ति बालाजी कंस्ट्रक्शन से सांठगांठ कर प्रति घंटे की दर पर किराए से जेसीबी क्यों ले रही है।
-दिनभर में जेसीबी मात्र 1-2 घंटे चलती है,लेकिन पूरे दिन का पेमेंट निकाला जाता है।
- 2019 में बिना टेंडर के मात्र कोटेशन के आधार पर 1 लाख रुपए के बिल बनाकर हर माह 2-4 लाख रुपए क्यों निकाले गए।
-मशीन चलने के दौरान कोई नपा कर्मी कार्यस्थल पर मौजूद नहीं रहता। फिर मशीन चलने के समय का रिकार्ड कौन मेंटेन करता है। इसे नपा या ऑडिटर क्रॉस चेक किस आधार पर करते थे।
-जेसीबी के ठेकेदार द्वारा पेश किया बिल ही सही मानकर एक ही दिन में भुगतान पत्रक कैसे तैयार कर दिया जाता है। यह बिना नपा कर्मचारी की मिलीभगत के संभव नहीं है।
ऑडिटर पर भी आ सकती है आंच:
नपा सूत्रों की मानें तो यदि इस मामले में प्रशासन ने बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष जांच कराई तो ऑडिटर पर भी आंच आना तय है। सूत्र बताते हैं कि लॉकडाउन में भी जेसीबी के उपयोग बताकर मनमाने बिल भुगतान किए गए। जिस पर कभी ऑडिटर या किसी जिम्मेदार अधिकारी ने आपत्ति नहीं ली। आरटीआई में किराए के भुगतान की राशि के कागजात के आधार पर ही आर्थिक अनियमितता का यह मामला सामने लाया गया है।
नपाध्यक्ष के वार्ड में काम नहीं होने की कलेक्टर से शिकायत:
नपाध्यक्ष भारती कमेडिया वार्ड 34 से पार्षद का चुनाव जीती हैं। मंगलवार को उन्हीं के वार्ड के कई लोगों ने कलेक्टर से बुनियादी सुविधाएं न होने की शिकायत की। कलेक्टर ने सीएमओ जीके यादव से कारण पूछा,वे बोले,टेंडर के बाद काम शुरु हो गए हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने अपने माेबाइल से ही शिकायतकर्ता में से व्यक्ति की नपाध्यक्ष से भी बात कराई। आश्वासन के बाद वार्ड के लोग वापस लौटे।
इनका कहना है
नपा में जेसीबी के किराये से उपयोग करने और उसके भुगतान की लिखित शिकायत की गई थी,जिसकी भोपाल से टीम बुलाकर जांच कराने के लिए एडीएम को निर्देशित किया है। सीएमओ को जेसीबी खरीदी का अगली बैठक में प्रस्ताव रखने को कहा है।
-ऋषि गर्ग,कलेक्टर,हरदा
हरदा। कलेक्टर से कांग्रेसियों ने की सामूहिक शिकायत।
Published on:
28 Mar 2023 09:37 pm
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