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success story- कोरोना में पिता का साथ छूटा, माता ने पढाया और बिटिया ने 12वीं कर ली टॉप

- प्राथमिक शाला में शिक्षिका मां ने 12वीं की बेटी को पढाया

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हरदा

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Deepesh Tiwari

May 25, 2023

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12वीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में एक ऐसी बच्ची भी टॉप में रही। जिसने कोरोना काल में ही अपने पिता को खोया था, जिसके बाद दुख और परेशानी से जुझती इस बच्ची को उसकी मां जो प्राथमिक शाला की शिक्षक हैं ने पढाया। और फिर इस श्रुति नामक बच्ची ने कमाल करते हुए इसी साल 12 में अपना नाम मेरिट सूची में दर्ज करा दिया।

दरअसल मप्र की12वीं बोर्ड परीक्षा का एक माह से चला आ रहा इंतजार गुरुवार को 12.30 बजे रिजल्ट आने के साथ ही खत्म हो गया। ऐसे में इस बार 12वीं के रिजल्ट का प्रतिशत जहां 55.28 प्रतिशत ही रहा। वहीं एक बच्ची जिसने कुछ ही समय पहले अपने पिता का साया खो दिया था, उस हरदा की बच्ची ने इस बार तमाम मुश्किलों के बावजूद मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कराया है।

ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी बच्ची के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने पिता के गम में डूबे होने के बावजूद अपनी मेहनत के चलते 12वीं की बोर्ड परीक्षा में प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया।

पिता को खोया लेकिन हौंसला नहीं
श्रुति के पिता राजेश गुर्जर का कोरोना काल में निधन हो गया था। ऐसी स्थिति में तमाम तरह के तनावों और पिता का गम होने के बावजूद श्रुति ने मेहनत को नहीं छोडा। पत्रिका से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि पिता के जाने के बाद उनकी माता ने उन्हें पढाया। उनकी मां किरण गुर्जर पानतलाई गांव में शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षिका हैं। और अब वे ही अपनी बेटी को पढ़ा रहीं हैं। कुल मिलाकर श्रुति के अनुसार पिता का साया खोने के बाद जहां वे काफी उदास हो गईं थी वहीं उनकी मां ने उन्हें हौंसला खोने नहीं दिया।

इस पूरी स्थिति में सबसे खास बात ये है कि प्राथमिक शाला में शिक्षिका मां ने 12वीं में पढ रही अपनी पुत्री को स्वयं पढाया, इसके साथ ही स्कूल में अंतर होने के चलते दोनों का घर पर एक साथ होना भी कम रहने के बावजूद श्रुति भी मां की मेहनत को देखते हुए खुद को मजबूत बनाकर पढाई में जुट गई, जिसका रिजल्ट आज जब समाने आया तो दोनों मां बेटी की आंखों से आंसू छलक आए।

ये है लक्ष्य
श्रुति का कहना है कि वे आगे चल कर एक सफल सीए-चार्टटेड अकाउंटेंट- बनना चाहती है और इसी लक्ष्य को लेकर वह पढ़ाई कर रही थी। वहीं श्रुति के अनुसार वे पिता की मृत्यु से पूरी तरह से टूट चुकी थीं तब उन्हें मां ने संबल दिया और भविष्य की राह दिखाने में सहायक बनीं। साथ ही उनके द्वारा उसे आगे बढने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया।

पढाई का मंत्र
श्रुति के अनुसार उन्हें जहां पिता के चले जाने के बाद मां से संभाला वहीं अब मां ही उन्हें पढाती हैं। ऐसे में उनकी इस सफलता का सारा श्रेय उनकी मां किरण को जाता है। इसके साथ ही श्रुति का कहना है कि उनके द्वारा मैरिट में स्थान बनाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया। वे हर रोज मन लगाकर तकरीबन 4 से 5 घंटे पढती थीं।

ज्ञात हो कि श्रुति ने कक्षा 12वीं की परीक्षा में प्रदेश की प्रावीण्य सूची में 10 वां स्थान हासिल किया है। और वे आगे चल कर चार्टेड एकाउंटेंट बनना चाहती हैं। उनका कहना है कि उनकी मां जब कभी किसी काम में व्यस्त होती हैं तो वे पढाई से संबंधित अपनी जिज्ञासा को सोशल मीडिया की मदद से शांत करतीं हैं, जिससे वह दुविधा दूर हो जाती है।

दरअसल हरदा स्कूल ऑफ एजुकेशन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा श्रुति ने 12 वीं की परीक्षा की प्रावीण्य सूची में 10 वां स्थान हासिल किया है। उसे इस परीक्षा में 500 में से 470 अंक मिले हैं। श्रुति अपनी इस सफलता का कारण अपनी मां को मानती हैं।

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