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महिला IAS ने इसलिए विदेश में छोड़ी थी लाखों की नौकरी, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान

डीएम शुभ्रा सक्सेना ने बताया, क्या है उनकी सफलता का राज

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IAS Shubhra Saxena

हरदोई. आईआईटी रुड़की से स्नातक शुभ्रा सक्सेना ने विदेश में उच्च स्तर पर करीब साढ़े चार साल बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी। उनका कहना है कि वह हमेशा समाज के दुर्बल, असहाय वर्ग के उत्थान एवं विकास के बारे में सोचा करती थी। इसके लिए उन्होंने आईएएस बनने की ठानी और कड़ी मेहनत अनुशासन से सफलता का इतिहास रच दिया था। IAS 2009 बैच की टॉपर शुभ्रा सक्सेना की सफलता की स्टोरी काफी प्रेरणादायक है।

यूपी के हरदोई जिले की डीएम शुभ्रा सक्सेना 2009 बैच की आईएएस बैच टॉपर अधिकारी हैं। यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी शुभ्रा सक्सेना आईटियंस भी हैं। उन्होंने करीब 7 माह पहले हरदोई जिले में डीएम के पद का कार्यभार संभाला था। कडक़ अनुशासन और तेज कार्यशैली के साथ ही उनके द्वारा न्यायालयों के लिए तैयार किए गए ऑनलाइन बेस्ड 'साक्षी सम्मन साफ्टवेयर' से उन्हें पूरे देश में सराहना मिली । इससे पहले शाहजहांपुर जिले की डीएम रहने के दौरान उन्होंने राजस्व परिषद का फ्लैग डिजाइन कर पूरे देश मे सराहना पाई थी।

यह है सफलता का कारण
आईएएस टापर शुभ्रा सक्सेना कहती हैं कि सफलता के लिए कड़ा अनुशासन और लक्ष्य तय करना जरूरी है। परिश्रम और मंजिल तक पहुंचने की ललक मुकाम तय कर देती है। जीवन के हर स्तर पर अनुशासन जरूरी है, मगर विद्यार्थी जीवन के दौरान अनुशासन बेहद जरूरी है।

परिवारिक पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मीं शुभ्रा सक्सेना के पिता अशोक चंद्रा पेशे से इंजीनियर हैं। उनकी माता कामना, एक भाई और एक बहन है। शुभ्रा के पति उच्च स्तर पर कार्यरत हैं। ऐसे में शुभ्रा सक्सेना की सफलता की कहानी दूसरों के लिए और भी अधिक प्रेरणादायक हो जाती है क्योंकि आईटीयंस शुभ्रा ने हाईस्तर पर विदेश में नौकरी छोडक़र आईएएस की तैयारी की और अपने बैच 2009 में टॉप कर सफलता का नया इतिहास रच दिया था।

अनुशासन हमेशा प्राथमिकता
शुभ्रा सक्सेना अपनी सफलता का पूरा श्रेय अच्छी तैयारी और कड़े अनुशासन को देती हैं। उन्होंने हमेशा प्रतिस्पर्धी उत्साह के साथ आत्म विश्वास बेहद मजबूत रखा। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर भी सफलताएं उनके नाम हैं।

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शुभ्रा सक्सेना ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुडक़ी से स्नातक किया। उच्च स्तर पर करीब साढ़े चार साल बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी और आईएएस बनने की ठानी और कड़ी मेहनत अनुशासन से सफलता का इतिहास रच दिया। आईएएस बनने के बाद शुभ्रा सक्सेना ने अपनी कार्यकुशलता और अनुशासन से एक नई मिसाल बनाई है। इस समय वह यूपी के हरदोई में डीएम के पद कार्यरत हैं। अपनी कार्यशैली के बूते वह कुछ ही दिनों में हरदोई की जनता में खासी लोकप्रिय हैं।