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राज्यसभा चुनाव : बीजेपी के 9वें कैंडिडेट को जिताकर सपा के इस MLA ने लिया पिता के अपमान का बदला

राज्यसभा चुनाव : भाजपा के नौ सदस्य और समाजवादी पार्टी का एक सदस्य पहुंचा राज्यसभा...

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Cross voting in rajya sabha chunav

हरदोई. भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा की 10 सीटों में से नौ सीटों पर अपने सदस्यों को भेजकर सपा, बसपा और कांग्रेस के महागठबंधन का किला ढहा दिया। इस बड़ी जीत के सूत्रधार रहे नरेश अग्रवाल और उनके विधायक बेटे नितिन अग्रवाल। भले ही हार बसपा कैंडिडेट की हुई हो, लेकिन इसे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राज्यसभा चुनाव के लिये हुए महागठबंधन की हार से जोड़कर देखा जा रहा है। जिले में चर्चा है कि नितिन अग्रवाल ने अखिलेश यादव से अपने पिता के अपमान का बदला ले लिया है।

राज्सभा चुनाव से ठीक पहले हरदोई सदर से सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने साइकिल की सवारी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। विधायक नितिन अग्रवाल ने बड़ी तादाद में समर्थकों संग भाजपा के लखनऊ कार्यालय में पहुंचकर न केवल पार्टी की सदस्यता ले ली, बल्कि खुले तौर संकेत दिया था कि सपा में हुए पिता के अपमान का बदला बेटा जरूर लेगा। नितिन अग्रवाल ने कहा था कि पिता नरेश अग्रवाल का राज्यसभा के लिए सपा में टिकट काटा जाना उनका ही नहीं, बल्कि उन सभी का अपमान था जिन्होंने हमेशा उनके साथ सपा का साथ दिया।

वही किया जो नरेश अग्रवाल ने कहा था
अपमान का बदला चुकाने की सौगंध लेकर भाजपा पहुंचे नितिन अग्रवाल ने खुल्लम-खुल्ला भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट कर न केवल बीजेपी के राज्यसभा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने में अपना योगदान दिया, बल्कि अपने पिता नरेश अग्रवाल द्वारा दिल्ली में भाजपा ज्वॉइन करते समय कही गई इस बात को सही साबित कर दिया कि अब नितिन बीजेपी को वोट करेंगे।

अपराजित रही है हरदोई सदर सीट
हरदोई की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले नरेश अग्रवाल का करीब 40 सालों शहर की सदर सीट पर कब्जा रहा है। 2007 में जब प्रदेश में बसपा की सरकार बनी थी तो नरेश अग्रवाल ने 2008 में सदर सीट से स्वयं विधायक पद से इस्तीफा देकर सपा छोड़ बसपा जॉइन कर ली थी और अपने द्वारा खाली की गई सीट पर बेटे नितिन को उपचुनाव लड़ाकर राजनीति में स्थापित किया। अपने पहले ही राजनीतिक चुनाव में नितिन ने भारी मतों से सफलता हासिल की।

2008 में पहली बार उपचुनाव जीते थे नितिन अग्रवाल
हरदोई की जनता ने पिता के साथ को बेटे के साथ तक जारी रखा और 2008 चुनाव में पहली बार विधायक बने नितिन अग्रवाल 2012 में सपा से विधायक चुने गए और फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर सपा से विधायक चुने गए। यह हरदोई की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले नरेश अग्रवाल का राजनीतिक कौशल ही कहा जाएगा जैसे उन्होंने कभी भी किसी भी लहर में खुद को हरदोई सदर सीट से चुनाव नहीं हारे।

सपा से नाराज नरेश अग्रवाल ने ज्वॉइन की भाजपा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच भाजपा का दामन थाम लिया। वह अपनी जगह जया बच्चन को राज्यसभा में भेजे जाने से नाराज थे। उन्होंने जया बच्चन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने उनके साथ गलत किया जो उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। उन्होंने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता लेते वक्त ही घोषणा कर दी थी कि राज्यसभा चुनाव में नितिन अग्रवाल भाजपा प्रत्याशी के लिये वोट करेंगे।