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क्रय केंद्रों पर रिजेक्ट हो रहा धान, औने-पौने दामों पर उपज बेचने को मजबूर किसान

locationहरदोईPublished: Nov 07, 2020 04:16:39 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– धान बिक्री के इंतजार में अगली फसल हो रही लेट- किसानों का आरोप- जानबूझकर नहीं लिया जा रहा धान, सेंटर प्रभारी बोले- हो रही पूरी पारदर्शिता- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिलाधिकारियों को निर्देश- किसानों को धान का पूरा एमएसपी मिले- वर्ष 2020-21 के लिए उत्तर प्रदेश में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य है 1868 और 1868 रुपए प्रति क्विंटल

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किसान क्रय केंद्रों तक जा तो भी रहे हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से धान रिजेक्ट किये जाने से उन्हें औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है।

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट
हरिओम द्विवेदी
हरदोई. जिले की संडीला तहसील के किसान अशोक कुमार इन दिनों बेहद परेशान हैं। बीते 10 अक्टूबर तक धान की पैदावार देखकर वह फूले नहीं समा रहे थे, अब धान बिक्री को लेकर निराश हैं। कहते हैं कि अगली फसल के लिए पैसों की जरूरत है। खेत की नमी सूख रही है। 11 दिसंबर को बेटी की शादी है पर, धान नहीं बिक रहा। क्रय केंद्र प्रभारी ने मानक विहीन बताकर धान रिजेक्ट कर दिया है। गांव में धान 800-1000 रुपए प्रति क्विंटल मांगा जा रहा है। अशोक ही नहीं उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों के किसान धान बिक्री को लेकर ऐसी ही समस्याओं से घिरे हैं। प्रशानस सख्त है प्रदेश में धान खरीद में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में अब तक एक सैकड़ा से अधिक केंद्र प्रभारियों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से कुछ पर निलम्ब की भी कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि लापरवाही और भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजें। मुख्यमंत्री का कहना है कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही धान बेचें। किसान क्रय केंद्रों तक जा तो भी रहे हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से धान रिजेक्ट किये जाने से उन्हें औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है।वर्ष 2020-21 के लिए 55 लाख मीट्रिक टन धान का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्र चालू हैं। सरकार का कहना है कि धान रहने तक क्रय केंद्र चलते रहेंगे।
किसानों का आरोप है कि सरकारी केंद्रों पर आम किसानों का धान खरीदा ही नहीं जा रहा है। वहां आढ़तियों और व्यापारियों का ही धान खरीदा जा रहा है। सेंटर प्रभारी जानबूझकर काश्तकारों का धान मानक विहीन बताकर रिजेक्ट कर दे रहे हैं। धान की टूटन ज्यादा है। रंग डाउन है। फरहा (खाली धान) है आदि बहानों से किसानों का धान नहीं खरीद रहे हैं। हालांकि, हरदोई जिले की संडीला तहसील के बेरुआ में बने धान क्रय केंद्र के प्रभारी शिवम शर्मा इन आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं कि धान खरीदी में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
हरदोई जिले की संडीला तहसील की कोथावां ब्लॉक के राजेश कुमार बताते हैं कि इस बार धान की फसल अच्छी हुई है। उन्होंने करीब 100 क्विंटल धान उपजाया था, लेकिन उसे औने-पौने दामों में बेचना पड़ा। कहते हैं कि वह सेंटर पर धान लेकर गये थे, जिसे मानक विहीन बताकर लौटा दिया गया। मजूबरन उन्होंने 1070 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बेच दिया। क्योंकि आलू की फसल बोने के लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे ही एक किसान हैं अशोक कुमार। वह बताते हैं कि उन्होंने महिंद्रा 30-30 (एमपी 3030) की उपज की बानगी लेकर सेंटर पर गये थे, जहां अधिक टूटन बताकर उनका धान रिजेक्ट कर दिया गया। कहते हैं कि मेरा धान ‘सोने’ जैसा चमक रहा है। नम भी नहीं है। सेंटर से रिजेक्ट होने से वह निराश हैं और मजबूरी में धान 1000-800 में बेचना पड़ेगा।
…तो इसलिए ज्यादा है धान की टूटन
सेंटर प्रभारी शिवम शर्मा बताते हैं कि इस बार धान की टूटन अधिक है। इसकी वजह दीपावली से पहले धान का पक जाना है। वह बताते हैं कि जिस धान की टूटन 50 फीसदी से अधिक है, उसका कम रेट पर लेने की बात शासन स्तर पर चल रही है। कुछ तय होते ही ऐसे किसानों को सूचित किया जाएगा। वह बताते हैं कि दीपावली तक किसानों को कूपन दिए जा चुके हैं। अब जो भी आ रहे हैं उनका दिवाली बाद ही नंबर पड़ेगा।
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ऐसा होना चाहिए धान
हरदोई जिले की संडीला तहसील के बेरुआ में बने धान क्रय केंद्र के प्रभारी शिवम शर्मा कहते हैं कि रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को अपने धान की बानगी और रजिस्ट्रेशन नंबर लेकर धान क्रय केंद्र पर आना होता हैं। यहां उनके धान की क्वालिटी जांची जाती है। मानकों के अनुरूप सही पाये जाने पर किसानों को टोकन नंबर दे दिया जाता है। वह बताते हैं कि ए ग्रेड के लिए धान में 67 फीसदी चावल होना चाहिए। अगर धान की टूटन 33 फीसदी तक होती है तो वह उसे ग्रेड में लेते हैं, लेकिन अगर 45 फीसदी तक है तो उसे बी ग्रेड में रखा जाता है। 45 फीसदी से कम अधिक टूटन पर धान नहीं लिया जाता है। इसके अलावा काला धान और अन्य विजातीय खामियां मिलने पर भी धान रिजेक्ट कर दिया जाता है।
किसानों को पूरा समर्थन मूल्य दिलाएं डीएम : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से समर्थन मूल्य पर ही धान बेचने की अपील करते हुए कहा है कि परेशान न हों सरकार सबका धान खरीदेगी। किसानों के धान की समय से खरीद हो और उनको पूरा समर्थन मूल्य मिले यह जिलाधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। किसी भी जनपद/ मण्डल में कोई भी अधिकारी यदि इसमें ढिलाई बरतता है अथवा लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाए।
एक अक्टूबर से चल रहे हैं धान क्रय केंद्र
उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से धान खरीद चल रही है। धान खरीदी के लिए करीब 4000 हजार केंद्र बनाए गए हैं। वर्ष 2020-21 में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रेड ए के धान के लिए सरकार ने एमएसपी 1888 रुपए प्रति क्विंटल और सामान्य के लिए 1,868 रुपए प्रति क्विंटल का भाव तय किया गया है। प्रदेश में यूपी राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम, पीसीएफ, पीएसयू, मंडी परिषद, भारतीय खाद्य निगम समेत 11 एजेंसियां धान की खरीद करेंगी। इसके अलावा रजिस्टर्ड सहकारी समितियां, कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ और एससीपी), मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसायटी आदि के जरिए भी धान खरीदी की जा रही है।

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