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हाथरस

हाथरस की बेटी की बरसी पर पुलिस रही चौकन्ना, संगठनों ने निकाला कैंडिल मार्च

गौरतलब है कि बीते साल 29 सितंबर की सुबह बूलगढ़ी कांड की पीड़िता की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत के बाद मामला सुर्खियों में आ गया था।

हाथरसSep 30, 2021 / 11:34 am

Nitish Pandey

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हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 19 साल की दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप के बाद 29 सितंबर 2020 को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। युवती के मौत की बरसी को लेकर चप्पे-चप्पे पर चौकसी के बीच पूरा बूलगढ़ी गांव शांत रहा। वहीं, बुधवार शाम को दलित कांग्रेस और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाल कर थोड़ी हलचल पैदा की। तालाब चौराहे पर संयुक्त रूप से कैंडल लगाकर मृतका को न्याय दिलाने की प्रार्थना की गई।
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जल्द न्याय दिलाने की हुई मांग

कैंडल मार्च जिले के नाई के नगला मोहल्ले से शुरू हुआ जो आगरा रोड, घास की मंडी होते हुए तालाब चौराहे पर पहुंचा। तालाब चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाकर बूलगढ़ी की बेटी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। कैंडल मार्च में तख्तियां और बैनर लेकर लोग चल रहे थे। इसके माध्यम से जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की गई।
रहा पुलिस का पहरा

गौरतलब है कि बीते साल 29 सितंबर की सुबह बूलगढ़ी कांड की पीड़िता की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत के बाद मामला सुर्खियों में आ गया था। बुधवार को बेटी की बरसी को लेकर पुलिस-प्रशासन बेहद सतर्क रहा। गांव को जाने वाले रास्तों पर पुलिस तैनात रही। जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी गांव में निरीक्षण करने पहुंचे।
गांव के ही संदीप पर हुआ था मुकदमा

बीते साल 14 सितंबर को बूलगढ़ी में दलित युवती पर जानलेवा हमला हुआ था। युवती के भाई ने गांव के ही रहने वाले संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर रवि, रामू और लवकुश के नाम जोड़े गए थे और धाराएं भी बढ़ाई गईं। शुरुआती दौर में युवती को इलाज के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। हालात में सुधार नहीं होने पर 28 सितंबर को युवती को दिल्ली रेफर किया गया जहां 29 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई थी। युवती की मौत के बाद यह मामला गरम हो गया था।
सीबीआई ने जांच कर दाखिल की थी चार्जशीट

युवती के मौत के बाद नेताओं, संगठनों से जुड़े लोग बूलगढ़ी पहुंचने लगे थे। सीएम योगी के आदेश पर एसआईटी की जांच हुई, जिसके बाद एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबन झेलना पड़ा। वहीं सीबीआई ने इस मामले की जांच 67 दिन में पूरी कर 18 दिसंबर को विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में सामूहिक दुष्कर्म, हत्या समेत अन्य धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी।

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