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नक्सली हमले में गोली लगने से घायल हुए मदन सिंह ने जगदलपुर अस्पताल में उपचार के दौरान अपना दम तोड़ा। उनके शहीद होने की सूचना दोपहर दो बजे मिली। उनके घर पर शोक का माहौल है। शहीद के परिवार में उनकी मां, पत्नी और दो बेटियां हैं। मदन सिंह सीआरपीएफ में 1986 में भर्ती हुए थे। 23 जून को मदन सिंह अपनी छुट्टी बिताकर घर से बापस छत्तीसगढ़ ड्यूटी पर लोटे थे। जिसके पांच दिन बाद ही परिजनों को मदन सिंह के शहीद होने की सूचना मिली तो सब हैरान रह गए। उनके परिजनों के साथ साथ गढ़ी तमन्ना के लोगो में भी शोक का लहर दौड़ गयी है।
नक्सली हमले में गोली लगने से घायल हुए मदन सिंह ने जगदलपुर अस्पताल में उपचार के दौरान अपना दम तोड़ा। उनके शहीद होने की सूचना दोपहर दो बजे मिली। उनके घर पर शोक का माहौल है। शहीद के परिवार में उनकी मां, पत्नी और दो बेटियां हैं। मदन सिंह सीआरपीएफ में 1986 में भर्ती हुए थे। 23 जून को मदन सिंह अपनी छुट्टी बिताकर घर से बापस छत्तीसगढ़ ड्यूटी पर लोटे थे। जिसके पांच दिन बाद ही परिजनों को मदन सिंह के शहीद होने की सूचना मिली तो सब हैरान रह गए। उनके परिजनों के साथ साथ गढ़ी तमन्ना के लोगो में भी शोक का लहर दौड़ गयी है।
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मदनपाल के भाई रामकुमार सिंह के मुताबिक सीआपीएफ कंट्रोल रूम से भाई का पार्थिव शरीर शनिवार को दोपहर तक हाथरस पहुंचने की जानकारी दी गई। सुबह 9.40 बजे छत्तीसगढ़ से फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर लेकर जवान चलेंगे। साढ़े 11 बजे फ्लाइट दिल्ली पहुंचेगी। इसके बाद सेना के वाहन से जवान का पार्थिव शरीर यहां लाया जाएगा। दोपहर बाद मंडी समिति के पीछे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मदनपाल के भाई रामकुमार सिंह के मुताबिक सीआपीएफ कंट्रोल रूम से भाई का पार्थिव शरीर शनिवार को दोपहर तक हाथरस पहुंचने की जानकारी दी गई। सुबह 9.40 बजे छत्तीसगढ़ से फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर लेकर जवान चलेंगे। साढ़े 11 बजे फ्लाइट दिल्ली पहुंचेगी। इसके बाद सेना के वाहन से जवान का पार्थिव शरीर यहां लाया जाएगा। दोपहर बाद मंडी समिति के पीछे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।