
Hathras Court
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
हाथरस. देश के सबसे चर्चित हाथरस (Hathras Case) रेप और हत्या मामले की जांच कर रही सीबीआइ (CBI) टीम ने मामले में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में चारों आरोपियों पर गैंगरेप (Gangrape) कर युवती की हत्या करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। शुक्रवार को सीबीआई ने हाथरस के एससी-एसटी (SC-ST) कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है। बयान को आधार बनाकर 2000 पेज की चार्जशीट फाइल की है। चारों आरोपियों पर छेड़छाड़ और एससीएसटी एक्ट का भी आरोप है। सीबीआइ टीम ने अब निर्णय कोर्ट पर छोड़ दिया है। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर सिंह ने कोर्ट के बाहर बताया कि हाथरस की स्थानीय अदालत ने मामले को संज्ञान में लिया है। सीबीआइ की टीम की ओर से जांच अधिकारी सीमा पाहूजा ने चार्जशीट दाखिल की। इस केस में पीडि़ता के भाई की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पीड़ित के भाई ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद कहा कि आज हमें पहली सीढ़ी पर न्याय मिला है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हाथरस के जिलाधिकारी को हटाया जाना चाहिए।
कोर्ट ने हाथरस के DM और SP को तलब किया-
कोर्ट ने 16 दिसंबर को ही सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय कर दी थी। कोर्ट ने उस दिन हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी रहे विक्रांत वीर को तलब किया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा- पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस डीएम की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
सीबीआई ने 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध और भारत सरकार से आगे की अधिसूचना पर मामला दर्ज किया था। शुक्रवार की सुबह गांव से पीडि़ता के भाई और भाभी को भी सीबीआइ कोर्ट लेकर आयी। इनको लेकर सीआरपीएफ गांव में उनके घर से निकली। इससे पहले हाथरस में सीबीआइ के कैम्प कार्यालय पर ताला लगा था। टीम के सदस्य गाजियाबाद से सीधा हाथरस पहुंचे। सीबीआई ने दो दिन पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के दौरान 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी।
14 सितंबर को हुई थी घटना-
14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ हाथरस के एक गांव में ऊंची जाति के लड़कों ने कथित गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। घटना के वक्त युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा लेने गई थी। आरोप है कि संदीप, लवकुश, रवि और रामू दलित लड़की के साथ न केवल रेप किया बल्कि फरार होने से पहले क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए युवती को बेरहमी से मारा पीटा और उसका पैर तोड़ दिए। प्राथमिक इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि युवती की गर्दन को क्रूरता के साथ मरोड़ा गया था। उसके निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तब पीडि़ता को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने कर दिया था जबरन अंतिम संस्कार-
मौत के बाद हाथरस जिला प्रशासन ने आधी रात को ही 30 सितंबर को लड़की के शव का भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जबरन अंतिम संस्कार कर दिया था। इसे लेकर पुलिस को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि, अधिकारियों ने कहा था कि "परिवार की इच्छा के अनुसार" अंतिम संस्कार किया गया। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ द्वारा की जा रही जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा। मामले ने जब तूल पकड़ा तब यूपी सरकार ने केस सीबीआइ को जांच के लिए सौंप दिया था। सीबीआइ बीते दो महीने से मामले की जांच में जुटी थी।
ये भी पढ़ें- पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का बेटा भी गिरफ्तार
भाई को सीबीआइ ले जाएगी गुजरात
अब सीबीआइ टीम ने पीड़िता के भाई को फोरेंसिक साइक्लॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने का फैसला किया है, जहां उसका साइक्लॉजिकल असेस्मेंट कराया जाएगा। हाथरस कांड के चारों आरोपितों के इसके पहले गांधीनगर में पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है। सीबीआइ गांव में मृतका के भाई और घटना स्थल वाले खेत के मालिक का पॉलीग्राफ कराने के प्रयास में है। अभी तक दोनों इंकार कर रहे हैं।
यह हैं आरोपी-
संदीप, लवकुश, रवि और रामू
आरोप-
रेप और हत्या के साथ, छेड़छाड़ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप
इन धाराओं में मुकदमा किया दर्ज-
325 एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 354 व 376ए, 376 डी व 302 के तहत मामला दर्ज
Updated on:
18 Dec 2020 05:35 pm
Published on:
18 Dec 2020 03:49 pm
बड़ी खबरें
View Allहाथरस
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
