
Pancreatic Cancer
Pancreatic Cancer : आज की तेज रफ्तार दुनिया में जहां सेहत से जुड़ी नई-नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, वहां कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जिनके शुरुआती लक्षण इतने आम होते हैं कि हम उन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer)। यह कैंसर चुपचाप शरीर में पनपता है और जब तक इसके बारे में पता चलता है तब तक अक्सर बहुत देर हो चुकी होती है।
हमारा अग्नाशय (Pancreas) पेट के पीछे छिपा एक छोटा सा लेकिन बहुत अहम अंग है। यह पाचन एंजाइम बनाता है जो खाना पचाने में मदद करते हैं, और इंसुलिन जैसे हार्मोन भी बनाता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके शुरुआती लक्षण बहुत मामूली होते हैं, जिन्हें हम अक्सर पेट की सामान्य दिक्कत या थकान मानकर टाल देते हैं। लेकिन इन मामूली लगने वाले 5 संकेतों को पहचानना बेहद जरूरी है, क्योंकि शुरुआती पहचान ही जीवन बचा सकती है। आइए, जानते हैं डा. पंकज जैन प्रोफेसर ( मेडिसिन विभाग), मेडिकल कॉलेज, कोटा के अनुसार वे कौनसे संकेत हैं जिन्हें भूलकर भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
अगर आपकी त्वचा या आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगे तो यह पीलिया का लक्षण है। हम अक्सर इसे लिवर की समस्या या पित्त की पथरी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन यह अग्नाशय कैंसर का एक शुरुआती और अहम संकेत भी हो सकता है। ऐसा तब होता है जब ट्यूमर पित्त नली को ब्लॉक कर देता है, जिससे बिलीरुबिन (एक पीला पदार्थ) शरीर में जमा होने लगता है।
गहरे रंग का पेशाब: ऐसा लगेगा जैसे चाय या भूरा रंग हो।
हल्के रंग का या चिकना मल: इसमें चिकनाई महसूस हो सकती है और यह पानी पर तैर भी सकता है क्योंकि वसा का पाचन ठीक से नहीं हो पा रहा होता।
खुजली: त्वचा में खुजली महसूस होना भी बिलीरुबिन के जमाव का संकेत हो सकता है।
क्योंकि पीलिया के कई कारण होते हैं लोग अक्सर इसे कैंसर से नहीं जोड़ते। लेकिन अगर आपको ये लक्षण दिखें, खासकर आंखों या त्वचा का पीला पड़ना, तो बिना देर किए डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
अचानक और बिना किसी वजह के वजन घटना किसी भी कैंसर का एक बड़ा चेतावनी संकेत होता है और अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) में तो यह खाससकर देखा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ट्यूमर या तो पाचन क्रिया को प्रभावित करता है या भूख कम कर देता है। आपको लग सकता है कि आप कम खा रहे हैं या जल्दी पेट भर जाता है भले ही आपकी खाने की आदतें न बदली हों। अग्नाशय कैंसर पाचन एंजाइमों के उत्पादन को कम कर सकता है जिससे भोजन को ठीक से पचाना मुश्किल हो जाता है।
वजन कम होना या भूख न लगना तनाव या अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकता है, इसलिए इसे नज़रअंदाज़ करना आसान है। लेकिन अगर आपका वज़न तेज़ी से कम हो रहा है और कोई स्पष्ट कारण समझ नहीं आ रहा तो डॉक्टर से सलाह लें।
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पेट के ऊपरी हिस्से या बीच पीठ में दर्द होना अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) का एक आम लक्षण है लेकिन इसे अक्सर लोग बदहजमी, मांसपेशियों में खिंचाव या मामूली समस्या मानकर अनदेखा कर देते हैं। अग्नाशय कैंसर में यह दर्द तब होता है जब ट्यूमर आसपास के अंगों या नसों पर दबाव डालता है।
इस दर्द की कुछ ख़ास बातें:
यह दर्द आता-जाता रहता है या लगातार बना रहता है।
यह हल्का या तेज़ हो सकता है।
लेटने पर दर्द बढ़ सकता है और आगे झुकने पर थोड़ा आराम मिल सकता है।
क्योंकि पेट और पीठ दर्द के कई सामान्य कारण होते हैं लोग अक्सर घरेलू नुस्खे या पेनकिलर ले लेते हैं। लेकिन अगर यह दर्द लगातार बना रहे या असामान्य लगे, तो इसे कभी भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से बात करें।
बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत ज्यादा थका हुआ या कमजोर महसूस करना भी एक शुरुआती संकेत हो सकता है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) से जुड़ी थकान शारीरिक गतिविधि के कारण नहीं होती और आराम करने से भी बेहतर नहीं होती, चाहे आप पूरी नींद क्यों न ले लें।
यह थकान शरीर की कैंसर के प्रति प्रतिक्रिया, चयापचय (Metabolism) में बदलाव या ट्यूमर के अन्य प्रभावों से जुड़ी हो सकती है। इसके साथ सोने में कठिनाई या उदासी भी महसूस हो सकती है। क्योंकि थकान बहुत आम है, जो ज्यादा काम, नींद की कमी या तनाव से भी हो सकती है इसलिए इस लक्षण को भी लोग आसानी से अनदेखा कर देते हैं।
अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) पाचन तंत्र के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध करके या एंजाइम उत्पादन को कम करके पाचन को प्रभावित कर सकता है। इससे कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं:
मतली और उल्टी: खासकर खाने के बाद।
पेट फूलना या जल्दी पेट भर जाना: यहां तक कि थोड़ा खाने के बाद भी।
मल त्याग में बदलाव: इसमें दस्त या कब्ज़ (या दोनों) हो सकते हैं।
मल का रंग बदलना: मल का रंग हल्का, चिकना या तैलीय हो सकता है और वह पानी पर तैर भी सकता है, यह वसा के खराब अवशोषण के कारण होता है।
इन लक्षणों को अक्सर सामान्य पाचन संबंधी समस्याओं जैसे बदहजमी या इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) समझ लिया जाता है। क्योंकि ये हल्के होते हैं या आते-जाते रहते हैं, इन्हें अनदेखा करना आसान है। लेकिन अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो बिना देर किए डॉक्टर की मदद लें।
अग्नाशय कैंसर: WHO/GLOBOCAN रिपोर्ट के मुख्य आंकड़े (2022 अनुमानों के आधार पर)
| श्रेणी | आंकड़ा (लगभग) | टिप्पणी |
| नए मामले (2022) | 510,992 | यह 2022 में अग्नाशय कैंसर के कुल नए मामलों की वैश्विक संख्या है। |
| मौतें (2022) | 467,409 | यह 2022 में अग्नाशय कैंसर से हुई कुल मौतों की वैश्विक संख्या है। नए मामलों और मौतों की संख्या में बहुत कम अंतर, इस कैंसर की उच्च मृत्यु दर को दर्शाता है। |
| सभी कैंसर में स्थान | घटना (Incidence): 12वां सबसे आम कैंसर मृत्यु दर (Mortality): 6वां सबसे बड़ा कारण | अग्नाशय कैंसर नए मामलों की संख्या में 12वें स्थान पर है, लेकिन कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में यह 6वें स्थान पर आता है, जो इसकी गंभीरता और खराब पूर्वानुमान को दर्शाता है। |
| 5 साल की जीवित रहने की दर | लगभग 13% (वैश्विक औसत, विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न) | अग्नाशय कैंसर की जीवित रहने की दर अन्य प्रमुख कैंसर की तुलना में बहुत कम है। यह दर इस बात को दर्शाती है कि निदान के 5 साल बाद कितने प्रतिशत मरीज़ जीवित रहते हैं। |
| सर्वाधिक मामले/मौतें वाले देश (2022) | चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान | इन देशों में अग्नाशय कैंसर के नए मामले और इससे होने वाली मौतें सबसे ज्यादा दर्ज की गई हैं। भारत भी मौतों के मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल है (2022 में 12,759 मौतें, 0.90 प्रति 100,000 की आयु-मानकीकृत दर)। |
| क्षेत्रीय भिन्नता | उच्च आय वाले देश: घटना दर ज़्यादा यूरोप और उत्तरी अमेरिका: उच्चतम घटना दरें | अग्नाशय कैंसर की घटना दरें उच्च मानव विकास सूचकांक (HDI) वाले देशों में चार गुना ज्यादा हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विश्व औसत से काफी अधिक दरें देखी जाती हैं। |
| उम्र और लिंग | पुरुषों में थोड़ा ज्यादा ज़्यादातर 60-80 साल की उम्र में | यह कैंसर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में थोड़ा अधिक सामान्य है। ज्यादा मामले 60 से 80 वर्ष की आयु के लोगों में देखे जाते हैं, हालांकि अब युवाओं में भी मामले बढ़ रहे हैं। |
| बढ़ती प्रवृत्ति | पिछले 25 वर्षों में घटनाओं में 55% और मौतों में 53% की वृद्धि (2017 तक) | पिछले कुछ दशकों में अग्नाशय कैंसर के नए मामलों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है जो इसे एक बढ़ती हुई वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनाती है। |
भारत में अग्नाशय कैंसर (Pancreatic Cancer) के मामले बढ़ रहे हैं। यह वैश्विक स्तर पर कैंसर से होने वाली मौतों का 7वां सबसे बड़ा कारण है। इसकी उच्च मृत्यु दर का एक बड़ा कारण शुरुआती लक्षणों का अस्पष्ट होना और देर से पता चलना है। 'वर्ल्ड पैनक्रियाटिक कैंसर डे' हर साल नवंबर के तीसरे गुरुवार को मनाया जाता है ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके।
याद रखें ये लक्षण कई अन्य सामान्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं, लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लगातार परेशान कर रहा है या एक साथ कई लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती पहचान ही इस गंभीर बीमारी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है! जागरूक रहें स्वस्थ रहें!
Published on:
11 Jul 2025 09:45 am
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