
which fruits are good for liver
Fruits For Fatty Liver: अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से लोगों को कम उम्र में ही कई बीमारियां घेर लेती हैं, उनमें से एक है फैटी लिवर का मात्रा बढ़ जाना। यह समस्या का अगर जल्द इलाज नहीं किया गया तो यह समस्या गंभीर हो सकती है क्योंकि इसके वजह से कई दूसरी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं फैटी लिवर की मात्रा बढ़ने से कौन सा फल का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
फैटी लिवर की समस्या तब उत्पन्न होती है जब शरीर में फैट की मात्रा अधिक हो जाती है और शरीर उसे ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता। इस स्थिति में अतिरिक्त फैट लिवर की सेल्स में जमा होने लगता है, जिससे लिवर की functioning affected होती है। यह समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख है अनहेल्दी लाइफस्टाइल। आज के समय में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा मोटापा,शराब का सेवन, डायबिटीज, इंसुलिन रेजिस्टेंस इन कारणों से भी बढ़ती है फैटी एसिड का खतरा।
संतरा (Orange)
संतरे में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। रोजाना संतरे का सेवन करना फैटी लिवर की समस्या में लाभदायक हो सकता है।
अंगूर (Grapes)
अंगूर में भी विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। फैटी लिवर से जूझ रहे लोगों के लिए अंगूर का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है।
केला (Banana)
फैटी लिवर की स्थिति में केले का सेवन लाभकारी होता है। इसमें विटामिन B6, विटामिन C और विटामिन A के साथ-साथ नेचुरल स्टार्च भी पाया जाता है, जो लिवर की सेहत को सुधारने में सहायक होता है। रोजाना केला खाने से लिवर को ज़रूरी पोषण मिलता है।
क्रैनबेरी (Cranberry)
क्रैनबेरी में मौजूद एंथोसायनिन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और लिवर की कोशिकाओं को डैमेज से बचाते हैं।
सेब (Apple)
सेब लिवर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है। इसमें मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व लिवर की सफाई करने के साथ-साथ उसकी कार्यक्षमता को भी मजबूत बनाते हैं। नियमित रूप से सेब खाने से फैटी लिवर की स्थिति में सुधार देखा जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
22 Apr 2025 01:07 pm
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