Liver Damage Symptoms : जब लिवर ठीक से कार्य नहीं करता, तो इसका प्रभाव आपके संपूर्ण शरीर पर पड़ता है। यदि आप प्रारंभिक चरण में ही इसके लक्षणों को पहचान लेते हैं, तो आप गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं। इसके लिए, सबसे पहले आपको लिवर (liver) के खराब होने के संकेतों को समझना होगा। जब लिवर में क्षति शुरू होती है, तो इसके लक्षण विभिन्न अंगों में दिखाई देते हैं, जिनमें से एक आपके पैर भी शामिल हैं। लिवर की बीमारियों के कारण आपके पैरों पर भी असर पड़ सकता है।
स्पाइडर जैसी नसें
ये आमतौर पर निचले टखने में प्रकट होते हैं, लेकिन शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जो दर्शाती है कि लिवर अब एस्ट्रोजन के स्तर को नियंत्रित करने में असमर्थ है। शरीर में अतिरिक्त एस्ट्रोजन की उपस्थिति लिवर को और अधिक नुकसान पहुंचाती है। इससे फैटी लिवर (liver) की समस्या उत्पन्न होती है और आपके पित्त नली में पित्त पथरी बनने का जोखिम बढ़ जाता है।
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लाल और भूरे रंग के धब्बे
यदि किसी व्यक्ति को सिरोसिस, हेपेटाइटिस, या गंभीर फैटी लिवर की समस्या है, तो कभी-कभी उनके शरीर के निचले हिस्से में रक्त का प्रवाह इतना प्रभावित हो जाता है कि छोटे लाल और भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। ये धब्बे कभी-कभी पपड़ीदार छोटे बिंदुओं या हल्के चोट के निशानों के रूप में भी नजर आते हैं।
पैरों में खुजली
पैरों में खुजली का कारण यह है कि लिवर द्वारा निर्मित पित्त अत्यधिक गाढ़ा हो जाता है। यह गाढ़ा पित्त फिर से लिवर में लौटता है और वहां से रक्त में मिल जाता है। रक्त के माध्यम से यह शरीर के ऊतकों में पहुंचता है, जिससे खुजली शुरू हो जाती है। जब लिवर (liver) की स्थिति खराब होती है, तो पैरों में असहनीय खुजली होती है, जो रात भर आपको परेशान कर सकती है।
नाखून से जुड़ी परेशानियां
लिवर (liver) की खराबी का प्रभाव नाखूनों पर भी स्पष्ट होता है। नाखूनों से जुड़ी ये पांच समस्याएं हैं: डिस्ट्रोफिक नाखून, ओनिकोमाइकोसिस, ल्यूकोनीचिया, ओनिकोरेक्सिस और क्लब नेल। जब लिवर ठीक से कार्य नहीं करता, तो ये समस्याएं अवश्य नजर आएंगी।
सूखी फटी एड़ियां
जब आपके शरीर में ओमेगा-3 की कमी होती है, तो आपकी एड़ियां सूखी और फटी हुई दिखाई देती हैं। लिवर पित्त का निर्माण करता है, जो वसा में घुलनशील विटामिनों और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों को तोड़ने और अवशोषित करने में सहायक होता है। लेकिन जब लिवर की स्थिति बिगड़ जाती है, तो यह ओमेगा-3 फैटी एसिड के अवशोषण में सहायता नहीं कर पाता, क्योंकि यह आवश्यक पित्त का उत्पादन नहीं कर सकता।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
26 Oct 2024 03:50 pm