Vitamin D Deficiency Symptoms: हमारे शरीर को मजबूत हड्डियों, अच्छी इम्यूनिटी और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कई विटामिन्स की जरूरत होती है। इन्हीं में से एक है विटामिन D, जिसे 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है। यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन बदलती लाइफस्टाइल , कम धूप में रहना और खान-पान की गड़बड़ियों के कारण आज बड़ी संख्या में लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं। इसकी कमी शरीर में कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकती है, जिनका समय रहते ध्यान रखना जरूरी है।आइए जानते हैं, विटामिन D की कमी से होने वाली समस्याओं के बारे में।
अगर बिना ज्यादा मेहनत किए भी आपको बार-बार थकान महसूस होती है, तो यह शरीर में विटामिन D की कमी का संकेत हो सकता है।
हड्डियों में कमजोरी, जोड़ों में अकड़न या मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना भी इसकी कमी का परिणाम हो सकता है।
अचानक बालों का ज्यादा झड़ना भी विटामिन D की कमी से जुड़ा हो सकता है।
अगर आपको बार-बार सर्दी-जुकाम या वायरल इंफेक्शन हो रहा है, तो ये संकेत हो सकते हैं कि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है, जिसकी वजह विटामिन D की कमी हो सकती है।
अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन D की कमी से मूड में उतार-चढ़ाव, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कमजोर हड्डियां और जल्दी फ्रैक्चर होने की स्थिति भी इस जरूरी विटामिन की कमी को दर्शाती है।
-हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है।
-इम्यून सिस्टम को बेहतर करता है।
-दिल की सेहत को दुरुस्त रखता है।
-डिप्रेशन और तनाव को कम करने में सहायक होता है।
-बच्चों में रिकेट्स और बड़ों में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाता है।
-शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के स्तर को संतुलित रखता है।
-धूप में समय बिताएं: सुबह 8 से 11 बजे के बीच की हल्की धूप में रोजाना 15-20 मिनट जरूर बैठें।
-संतुलित आहार लें: अंडे की जर्दी, मशरूम, फोर्टिफाइड दूध, दही, चीज़, मछली (सैल्मन, टूना) आदि का सेवन करें।-सप्लीमेंट्स लें: डॉक्टर की सलाह से विटामिन D की गोलियां या ड्रॉप्स का सेवन कर सकते हैं।
-व्यायाम और योग करें: इससे हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती बनी रहती है।
-नियमित चेकअप करवाएं: शरीर में विटामिन D का स्तर जांचते रहें, ताकि समय रहते कमी को पूरा किया जा सके।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
25 Jun 2025 11:23 am