
AI helps Woman Get Pregnant : 19 साल तक किया प्रयास 15 बार IVF हुआ फेल, फिर AI की मदद से हुई प्रेग्नेंसी (फोटो सोर्स : Freepik)
AI helps Woman Get Pregnant : कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर के डॉक्टर्स ने एक कमाल कर दिखाया है! उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके एक ऐसे कपल में प्रेग्नेंसी करवाई है, जो लगभग 20 सालों से बच्चा पैदा करने की कोशिश कर रहे थे. यह AI सिस्टम से हुई पहली प्रेग्नेंसी बताई जा रही है.
इस कामयाबी के पीछे कोलंबिया टीम के डायरेक्टर डॉ. ज़ेव विलियम्स और उनकी टीम का हाथ है. उन्होंने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो एज़ोस्पर्मिया (Azoospermia), यानी वीर्य में शुक्राणुओं की कमी को ठीक करने में मदद करती है.
आपको बता दें कि अमेरिका में लगभग 40% इनफर्टिलिटी (बांझपन) पुरुषों से जुड़ी होती है, और इनमें से 10% मामलों में एज़ोस्पर्मिया ही वजह होती है. अभी तक, शुक्राणु न होने पर डॉक्टर सिर्फ डोनर शुक्राणु का इस्तेमाल करने की सलाह दे पाते थे, लेकिन अब इस नई AI तकनीक से उम्मीद की नई किरण जगी है.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी फर्टिलिटी सेंटर के वैज्ञानिकों ने एक कमाल की खबर दी है! उन्होंने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से एक नई तकनीक, जिसका नाम STAR (स्पर्म ट्रैकिंग एंड रिकवरी) है, का इस्तेमाल करके पहली बार किसी को गर्भवती करने में कामयाबी हासिल की है.
यह खबर उन कपल्स के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जिन्हें पुरुष बांझपन की समस्या है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें एज़ोस्पर्मिया है. एज़ोस्पर्मिया वो स्थिति होती है जब वीर्य में कोई शुक्राणु नहीं मिलते. इस नई AI तकनीक से अब ऐसे कपल्स को भी अपना परिवार शुरू करने का मौका मिल सकेगा.
Blood Sugar in Pregnancy: गर्भावस्था में रखें ब्लड शुगर को कंट्रोल
एज़ोस्पर्मिया का मतलब है जब किसी पुरुष के वीर्य (Ejaculate) में एक भी शुक्राणु (Sperm) न हो. जब कोई पुरुष संबंध बनाता है और उसका वीर्य निकलता है तो उसमें अंडे को निषेचित (Fertilize) करने के लिए शुक्राणु होने चाहिए. लेकिन एज़ोस्पर्मिया की स्थिति में वो शुक्राणु बिल्कुल भी मौजूद नहीं होते.
इसी वजह से यह पुरुषों में बांझपन (Infertility) का एक बड़ा कारण है, क्योंकि बिना शुक्राणु के प्राकृतिक तरीके से बच्चा पैदा करना मुश्किल होता है.
हालांकि इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि जिस पुरुष को एज़ोस्पर्मिया है, वह कभी पिता नहीं बन सकता. आज के समय में ऐसी कई दूसरी तकनीकें (जैसे AI वाली तकनीक) उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से ऐसे पुरुष भी संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं.
डॉ. विलियम्स बताते हैं कि जिस पुरुष को एज़ोस्पर्मिया होता है, उसके वीर्य का सैंपल भले ही देखने में सामान्य लगे, लेकिन माइक्रोस्कोप के नीचे कहानी कुछ और ही होती है. आमतौर पर, बहुत ही अनुभवी तकनीशियन भी ऐसे सैंपल्स में शायद ही कोई शुक्राणु ढूंढ पाते हैं, क्योंकि वे अक्सर दूसरे कणों (Debris) से भरे होते हैं. अब सोचिए, शुक्राणु शरीर की सबसे छोटी कोशिका होती है, तो यह हैरानी की बात नहीं कि बेस्ट फर्टिलिटी तकनीशियन भी एज़ोस्पर्मिया के सैंपल्स में शुक्राणु नहीं खोज पाते.
डॉ. विलियम्स और उनकी टीम ने पांच साल लगाकर एक कमाल का सिस्टम बनाया है. इसमें एक AI एल्गोरिथम (जो शुक्राणु को पहचानता है) को एक फ्लूइडिक चिप के साथ जोड़ा गया है. यह चिप वीर्य के सैंपल को एक पतली नली (Tubule) से गुजारती है. अगर AI को कोई शुक्राणु दिखता है, तो वीर्य का वो छोटा सा हिस्सा एक अलग नली में चला जाता है और उसे इकट्ठा कर लिया जाता है. इस तरह से अलग किए गए चंद शुक्राणुओं को फिर स्टोर किया जा सकता है, फ्रीज किया जा सकता है, या अंडे को निषेचित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस सिस्टम को STAR (स्पर्म ट्रैक एंड रिकवरी) नाम दिया गया है. इसे बनाने की प्रेरणा खगोलविदों (Astrophysicists) से मिली, जो नए तारों और ग्रहों को खोजने के लिए AI का इस्तेमाल करते हैं. डॉ. विलियम्स कहते हैं, "अगर आप अरबों तारों से भरे आसमान में एक नया तारा या नए तारे का जन्म ढूंढ सकते हैं, तो शायद हम उसी तरीके का इस्तेमाल अरबों कोशिकाओं में से उस एक खास कोशिका (शुक्राणु) को ढूंढने के लिए भी कर सकते हैं." वे बताते हैं कि STAR को "बहुत, बहुत, बहुत दुर्लभ शुक्राणु" को ढूंढने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. वे इसकी तुलना हजारों भूसे के ढेरों में से एक सुई ढूंढने से करते हैं, लेकिन STAR यह काम कुछ ही घंटों में, और इतनी नरमी से करता है कि जो शुक्राणु मिलते हैं उनका इस्तेमाल अंडे को निषेचित करने के लिए किया जा सकता है.
डॉ. विलियम्स कहते हैं कि STAR उन दूसरे AI सिस्टम्स से अलग है जो सिर्फ स्कैन करके खास चीजें पहचानते हैं, क्योंकि STAR विश्लेषण के साथ-साथ टारगेट (शुक्राणु) को अलग भी कर सकता है. यह सिस्टम एक घंटे में अस्सी लाख (8 मिलियन) तस्वीरों को स्कैन कर सकता है. डॉ. विलियम्स को वो पल याद है जब उन्हें यकीन हुआ कि STAR कुछ खास तरह के बांझपन के इलाज में एक जबरदस्त हथियार बन सकता है.
वे बताते हैं, सिस्टम को टेस्ट करने के लिए, हमने उन सैंपल्स को फेंकने से पहले STAR से गुजारा, जिनमें भ्रूणविज्ञानी (Embryologists) कोई शुक्राणु नहीं ढूंढ पाए थे. भ्रूणविज्ञानियों ने सच में बहुत मेहनत की थी ताकि मशीन से पीछे न रह जाएं. एक सैंपल में, उन्होंने दो दिन तक ढूंढा और कोई शुक्राणु नहीं मिला, लेकिन STAR ने एक घंटे में 44 शुक्राणु ढूंढ निकाले!"
रोजी (बदला हुआ नाम) और उनके पति, मार्च 2025 में STAR का इस्तेमाल करके गर्भवती होने वाले पहले कपल बने. उन्होंने लगभग 19 सालों तक बच्चा पैदा करने की कोशिश की थी. रोजी बताती हैं कि उनके ऑर्थोडॉक्स यहूदी धर्म ने उन्हें 15 असफल IVF साइकलों के दौरान भी उम्मीद बनाए रखने में मदद की. इस प्रेग्नेंसी से पहले, उन्होंने अपने पति के एज़ोस्पर्मिया के लिए कई उपाय आजमाए थे, जिसमें सर्जरी और विदेशों से विशेषज्ञ को बुलाकर हाथ से शुक्राणु ढूंढना भी शामिल था. उन्होंने शुक्राणु निकालने के ऐसे तरीकों पर भी शोध किया था जो थोड़े विवादास्पद थे क्योंकि उनमें ऐसे रसायन (Chemicals) का इस्तेमाल होता था जो शुक्राणुओं की गुणवत्ता के लिए हानिकारक हो सकते थे.
Updated on:
11 Jun 2025 12:04 pm
Published on:
11 Jun 2025 12:03 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
