AIIMS Professor Aging Research : आप जवानी में चिड़चिड़े और छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेते हैं तो आपको बुढ़ापे में भी परेशानी होगी। जर्नल ऑफ द इंडियन एकेडमी ऑफ जेरिएट्रिक्स में प्रकाशित के एक शोध मुताबिक छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने की बजाय खुश रहने वाले लोगों की 75 साल की उम्र के बाद भी अच्छी याददाश्त रहती है। उनके चेहरे पर खुशी व मस्तिष्क के काम करने का स्तर बेहतर रहता है।
Early anger, late-life Problems, : एम्स, दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर व जेरिएट्रिशियन डॉ. प्रसून चटर्जी ने शोध के बाद बताया कि 25 से 50 साल की उम्र में गुस्सा होना, तनाव लेना और चिड़चिड़ापन मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। लंबे समय तक ऐसी स्थिति लोगों के व्यक्तित्व को सुपरएजर में आने से रोकती है। इस स्थिति में 75 साल का व्यक्ति 50 साल का दिखाई देता है। एशिया में पहली बार शोध में व्यक्तित्व और सुपरएजिंग के संबंधों का खुलासा किया गया है।
शोध के दौरान 100 मरीजों को तीन समूहों में बांटा गया। पहले समूह में 75 साल से अधिक उम्र (सुपरएजिंग) के करीब 40 वह लोग थे, जिनकी याददाश्त व दूसरे व्यवहार 50 साल के लोगों की तरह थे। दूसरे समूह में 75 साल के वह 30 लोग थे जो सामान्य व्यवहार कर रहे थे। वहीं तीसरे ग्रुप में 25 से 50 साल के 30 लोग शामिल थे। शोध में तीनों समूहों के ब्रेन फंक्शन का अध्ययन किया गया।
भारत में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अभी 25 से 50 साल के लोग तनाव लेंगे। छोटी-छोटी बातों पर नियंत्रण खो देंगे तो आने वाले समय में बुजुर्गों में समस्या ज्यादा बढ़ेगी। चिड़चिड़ापन अवसाद को भी बढ़ाता है। यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ-साथ जटिल होती जाती है।
Published on:
06 Jul 2025 12:17 pm