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Mouthwash Side Effects: रोज-रोज माउथवॉश करने वालों के लिए अलर्ट! बढ़ सकता है हाई BP का रिस्क

Mouthwash Side Effects: नई स्टडी में पाया गया कि रोजाना एंटीसेप्टिक माउथवॉश का ज्यादा इस्तेमाल ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है। जानें कैसे और किन आदतों पर ध्यान जरूरी है।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 10, 2025

Mouthwash Side Effects

Mouthwash Side Effects (photo- freepik)

Mouthwash Side Effects: बहुत से लोग सुबह उठते ही माउथवॉश से कुल्ला करते हैं। कुछ सेकंड में फ्रेशनेस मिल जाती है और लगता है कि ये आदत बिल्कुल सुरक्षित है। लेकिन नई रिसर्च एक अहम सवाल उठा रही है, क्या माउथवॉश का ज्यादा इस्तेमाल हाई BP का खतरा थोड़ा बढ़ा सकता है? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

माउथवॉश और ब्लड प्रेशर का क्या कनेक्शन है?

पहली नजर में बात अजीब लग सकती है। माउथवॉश मुंह में कुछ सेकंड ही रहता है, तो यह ब्लड प्रेशर को कैसे प्रभावित करेगा? वैज्ञानिकों का कहना है कि असली कहानी हमारे मुंह में रहने वाले “अच्छे बैक्टीरिया” से जुड़ी है। ये बैक्टीरिया खाने के नाइट्रेट्स को बदलकर नाइट्रिक ऑक्साइड नाम का एक जरूरी कंपाउंड बनाते हैं, जो हमारी नसों को रिलैक्स करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है। लेकिन जब हम बहुत स्ट्रॉन्ग एंटीसेप्टिक माउथवॉश का रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं, तो ये अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं। इससे नाइट्रिक ऑक्साइड कम बनता है, और शरीर का BP कंट्रोल थोड़ा गड़बड़ा सकता है।

रिसर्च क्या कहती है?

6,384 लोगों पर की गई एक स्टडी में 9 अलग-अलग स्टडी के डेटा को जोड़ा गया। इसमें 40–60 साल उम्र के लोग शामिल थे जिन्हें हल्की हाई BP की समस्या थी। इसकी मुख्य बातें जो लोग नियमित रूप से स्ट्रॉन्ग माउथवॉश इस्तेमाल करते थे, उनमें हाई BP का जोखिम थोड़ा ज्यादा पाया गया। डेटा अलग-अलग था, लेकिन ट्रेंड साफ दिखा। वजह वही थी, माउथ के अच्छे बैक्टीरिया का खत्म होना और नाइट्रिक ऑक्साइड का कम बनना। ध्यान रहे, ये रिसर्च यह नहीं कहती कि माउथवॉश BP बढ़ाता है, बस एक संबंध दिखाती है।

इस पर NIH ने 3 साल की स्टडी की जिसमें 40-65 साल के 540 वयस्कों को 3 साल तक फॉलो किया गया। इसके नतीजे में12% लोगों में हाई BP विकसित हुआ। जो लोग माउथवॉश दिन में 2 बार या उससे ज्यादा इस्तेमाल करते थे, उनमें BP का खतरा दूसरों की तुलना में 1.85 गुना ज्यादा पाया गया। माउथवॉश न इस्तेमाल करने वालों की तुलना में 2.17 गुना ज्यादा। उम्र, वजन, स्मोकिंग, फिजिकल एक्टिविटी जैसी चीजों को ध्यान में रखने के बाद भी ये असर बना रहा। पहले की स्टडी में माउथवॉश और प्रीडायबिटीज का कनेक्शन भी देखा गया था। इस नई रिपोर्ट से यह कड़ी और मजबूत लगती है।

आपके लिए इसका क्या मतलब है?

इन सभी स्टडी का सबसे बड़ा संदेश है। कभी-कभार माउथवॉश इस्तेमाल करना ठीक है, लेकिन दिन में 2–3 बार, सालों तक इस्तेमाल करने से असर हो सकता है। रोजाना दो बार स्ट्रॉन्ग एंटीसेप्टिक माउथवॉश की आदत अच्छा बैक्टीरिया कम कर सकती है। इससे नाइट्रिक ऑक्साइड घटता है, और लंबे समय में ब्लड प्रेशर पर हल्का असर पड़ सकता है।