
भारत में बड़े पैमाने पर नकली दवा का गोरखधंधा चल रहा है और लोगों की जान सांसत में है। इससे चिंतित केन्द्र सरकार ने नया तोड़ निकाला है।
सरकार ने भारत में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता के साथ ही वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता बनाने के उद्देश्य से निर्यात होने वाली दवाओं की पहचान करने वाला मोबाइल ऐप ड्रग अथानटिकेशन एवं वेरिफिकेशन एपलिकेशन (दावा) पेश किया है।
वाणिज्य मंत्रालय के तहत कार्यरत विदेश व्यापार महानिदेशालय ने यह ऐप बनाया है। वाणिज्य सचिव राजीव खेर ने सोमवार देर शाम आयोजित एक कार्यक्रम में इस ऐप को लॉन्च किया। इसमें बार कोड डालकर दवा निर्माता, बैच संख्या, एक्सपाइरी तिथि आदि की जानकारी हासिल की जा सकती है।
हालांकि अभी यह ऐप सिर्फ एंड्रायड स्मार्टफोन के लिए है लेकिन शीघ्र इसके आईओएस और विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम वाले स्मार्टफोन के लिए भी लॉन्च किया जाएगा। अभी यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। खेर ने कहा कि 30 सितम्बर तक सभी दवा कंपनियों को इसका पालन करने के लिए कहा गया है तथा एक अक्टूबर से यह पूरी तरह लागू हो जाएगा।
इसके तहत कंपनियों द्वारा निर्मित दवा के संयंत्र से लेकर बाजार तक पहुंचने की पूरी जानकारी मिलेगी और यदि दवा संबंधित कंपनी नहीं होगी तो ऐप इस संबंध में जानकारी कंपनी के साथ ही औषधि नियंत्रक, संबंधित राज्य के औषधि नियंत्रक एवं दूसरी संबंधित एजेंसियों को भी सूचित करेगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि अभी यह घरेलू बाजार में लागू नहीं होगा क्योंकि इसको लागू करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग
की है। हालांकि इस संबंध में प्रक्रिया जारी है और उम्मीद है कि शीघ्र ही देश में भी यह ऐप काम करने लगेगा।
इस अवसर पर विदेश व्यापार महानिदेशालय की अद्यतन्न वेबसाइट भी जारी की गई जिसे सरल और आसान बनाने के साथ ही विभिन्न तरह के शुल्कों आदि का ऑनलाइन भुगतान करने की व्यवस्था की गई है।
इस मौके पर विदेश व्यापार महानिदेशक प्रवीर कुमार व भारतीय दवा निर्यात को प्रोत्साहित करने वाली परिषद फार्मेक्सिल के महानिदेशक डॉ. पी. वी. अप्पाजी भी मौजूद थे।
Published on:
30 Jun 2015 01:20 am
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