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एस्ट्रो टॉक : पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डालते हैं ये ग्रह

कुंडली में सातवां घर शादी का होता है। अगर किसी व्यक्ति के सातवें घर में शनि है तो शादी के बाद संबंधों में दरार आने की आशंका रहती है। रिश्तों में अगर बातचीत कम या बंद है तो शनि को नियंत्रित करने का काम करता है बुध। बुध हंसी-मजाक या हृयुमर का ग्रह है।

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एस्ट्रो टॉक : पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डालते हैं ये ग्रह

एस्ट्रो टॉक : पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डालते हैं ये ग्रह

ज्योतिष के अनुसार मंगल के कारण ही इंसान को गुस्सा अधिक आता है। यही कारण है कि मांगलिक की शादी मांगलिक से करते हैं तब ही दोनों शांत रहते हैं। अगर किसी के लग्नभाव में मंगल या फिर चंद्रमा और मंगल एक साथ है तो ऐसे व्यक्ति को गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहता है। वह व्यक्ति हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा भी हो सकता है। वह महिला या पुरुष कोई भी हो सकता है। इस गुस्से से भी व्यक्ति के रिश्ते में दरार आने लगती है।
कुंडली में सातवां घर शादी का होता है। अगर किसी व्यक्ति के सातवें घर में शनि है तो शादी के बाद संबंधों में दरार आने की आशंका रहती है। रिश्तों में अगर बातचीत कम या बंद है तो शनि को नियंत्रित करने का काम करता है बुध। बुध हंसी-मजाक या हृयुमर का ग्रह है। यह आपसी रिश्तों में मजबूती लाता है। इसलिए बातचीत बंद न हो। आपसी रिश्तों में भी हंसी मजाक होनी चाहिए। बात करने के लिए बहाने खोजिए। कोई भी बहाना लेकर पति-पत्नी आपस में बात करें। यह दोस्ताना रवैया होना चाहिए। अगर सातवें घर में केतू है तो ध्यान रखें। यह विरिक्त की भावना को बढ़ाता है। यह एक दूसरे के रिश्तों को आपस में जोडऩे नहीं देता है। सूर्य अगर सातवें घर में बैठ जाता है तो आपसी रिश्तों में आग लगा देता है। इसमें भी प्यार-महबत की पहल खुद को करना चाहिए।
अगर राहू अगर किसी के सातवें घर में आ जाए तो उस व्यक्ति के लिए ठीक नहीं होता है। वह ऐसे नए-नए लोगों से मिलता है जो उसके लिए ठीक नहीं होते हैं। ऐसे लोगों को चाहिए कि आंख बंदकर दूसरों पर भरोसा न करें। इससे भी तनाव और फिर तलाक के मामले बढ़ते हैं। अगर शुक्र भी कुंडली में कमजोर या नीच का हो जैसे आठवें या 12वें घर में है तो संबंध इधर-उधर बनने का रहता है। अगर संबंध में दिक्कत होती है तो उसको सुधारने की अच्छी और सकारात्मक कोशिश करनी चाहिए। सामने वाले को यह जरूर लगे कि पहल अच्छी है। यदि वृहस्पित अच्छा होता तो तलाक की नौबत नहीं आती है। यह सदबुद्धि और समृद्धि का कारक है। यह महिलाओं को अच्छा पति दिलाने वाला होता है। वृहस्पित धर्म और भाग्य का कारण है। जो लोग पूजा-पाठ करता है तो उसका गुरु मजबूत होता है। फिर नुकसान नहीं होता है। घर में खुशियां आती हैं। वहां क्लेश नहीं होता है। व्यक्ति हमेशा खुश व खुशनसीब है।
संदीप कोचर, सेलेब एस्ट्रोलॉजर, मुंबई

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