7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ayushman Bharat : गरीबों की संजीवनी, आयुष्मान भारत ने बदली लाखों जिंदगियां

Ayushman Bharat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की शुरुआत की थी।

2 min read
Google source verification
Ayushman Bharat

Ayushman Bharat

Ayushman Bharat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) ने देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है। यह योजना देश के गरीब, किसान, और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक संजीवनी साबित हो रही है। छह वर्षों में यह योजना न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक मिसाल बनकर उभरी है।

Ayushman Bharat : योजना की शुरुआत और उद्देश्य

23 सितंबर 2018 को झारखंड के रांची से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस (Ayushman Bharat Scheme) योजना का शुभारंभ किया। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के सबसे जरूरतमंद तबके को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिससे कोई भी परिवार चिकित्सा खर्च के बोझ से दबने से बच सके।

Ayushman Bharat : पांच लाख का बीमा कवर: एक गेम-चेंजर

शुरुआत में इस योजना के तहत एक लाख रुपये का बीमा कवर प्रस्तावित था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव के बाद इसे पांच लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया। यह निर्णय एक गेम-चेंजर साबित हुआ, जिससे जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में कोई बाधा न आए।

समाज के हर वर्ग तक पहुंच

इस योजना (Ayushman Bharat Scheme) का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बिना किसी भेदभाव के देश के हर वर्ग तक पहुंच चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 60,000 मरीज प्रतिदिन इस योजना के तहत मुफ्त इलाज पा रहे हैं। योजना के तहत अब तक 55 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं।

महिलाओं के लिए विशेष लाभ

योजना के तहत महिलाओं को भी विशेष लाभ प्रदान किए गए हैं। सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, आयुष्मान कार्ड का 49% वितरण महिलाओं को किया गया है। 7.79 करोड़ लोगों में से 1.5 करोड़ महिलाएं इस योजना का लाभ उठा चुकी हैं। यह महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह भी पढ़ें-IVF की खुशखबरी, आयुष्मान बीमा में शामिल हो सकता है यह महंगा इलाज

सरकारी और निजी अस्पतालों का योगदान

Ayushman Bharat : आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन में निजी और सरकारी अस्पतालों ने समान रूप से योगदान दिया है। सरकारी अस्पतालों का योगदान 57% और निजी अस्पतालों का योगदान 43% रहा है। यह दर्शाता है कि कैसे सार्वजनिक और निजी क्षेत्र मिलकर इस योजना को सफल बना रहे हैं।

बुजुर्गों के लिए खास घोषणा

हाल ही में, सरकार ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस योजना का विस्तार किया है। इससे लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचेगा। यह कदम बुजुर्गों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

यह भी पढ़ें-Ayushman Bharat : परिवार के हर सदस्य की हेल्थ का पूरा रिकॉर्ड रखेगा ABHA Card, फ्री में ऐसे बनवाएं अपना कार्ड

राज्यों के साथ सहयोग

देश के 18 राज्यों ने आयुष्मान भारत योजना को अपनी राज्य योजनाओं के साथ जोड़ा है, जिससे यह योजना और अधिक प्रभावी हो गई है। राज्यों ने अपनी जरूरतों के अनुसार योजना का विस्तार भी किया है, जिससे उनके नागरिकों को अधिक लाभ मिल सके।

आयुष्मान भारत योजना न केवल एक बीमा योजना है, बल्कि यह देश में ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण की नींव रखती है। इससे देश के करोड़ों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हुई हैं और चिकित्सा खर्च की चिंता से मुक्त किया है। यह योजना प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत को स्वास्थ्य क्षेत्र में सार्थक रूप में प्रस्तुत करती है।