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सर्दी में शरीर ठंडा-गरम होने से भी हो सकती शिशु को संक्रमण की शिकायत

Published: Nov 02, 2019 03:45:13 pm

Submitted by:

Divya Sharma

मौसम में बदलाव होते ही सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों और बुजुर्गों का रखना पड़ता है। बात यदि नवजात या बेहद छोटे बच्चों की हो तो सर्दी का पहला मौसम उनके लिए रोगों से युक्त हो सकता है। इसलिए सावधानी जरूरी है।

सर्दी में शरीर ठंडा-गरम होने से भी हो सकती शिशु को संक्रमण की शिकायत

सर्दी में शरीर ठंडा-गरम होने से भी हो सकती शिशु को संक्रमण की शिकायत

सर्द हवाओं का असर छोटे बच्चों पर ज्यादा होता है। शरीर का तापमान घटता-बढ़ता है। इसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। इस दौरान सांस नली में संक्रमण होने से बच्चे को सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
धूप निकलने पर नहलाएं
वातावरण में थोड़ी गर्माहट होने पर (दोपहर के समय) शिशु को नहलाएं। एकदम से कपड़े न उतारें। गुनगुने पानी का प्रयोग करें। शिशु को नहलाने से पहले नारियल या जैतून तेल (सरसों जलन व एलर्जी कर सकता है) से मालिश करें। एल्कलाइन की बजाय एसिडिक साबुन या लिक्विड सोप का इस्तेमाल करें। इससे त्वचा में नमी बनी रहेगी।
सर्दी लगे तो ये करें
शिशु के हाथ-पैर ठंडे और पेट गर्म है तो यह सर्दी लगने का संकेत है। कुछ देर उसे शरीर से चिपका लें। तापमान सामान्य होने के बाद ही कुछ करें। हाथ-पैर नीले पड़े, दौरा आए, सुस्त रहे और दूध न पीए तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।
4 परत में कपड़े पहनाएं
सर्दी से बचाव के लिए शिशु को पूरी बाजू के ऊनी कपड़े पहनाएं। कोशिश करें कि बच्चे को कपड़े की चार परतें जैसे सबसे पहले बनियान या कोई इनर पहनाने के बाद सामान्य कोई टीशर्ट या शर्ट या कोई टॉप पहनाएं। फिर थोड़े मोटे कपड़े का स्वेटर और फिर आखिर में मोटा ऊनी स्वेटर, जैकेट पहनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि स्वेटर सीधे त्वचा के संपर्क में न आए। इससे भी एलर्जी हो सकती है। मोजे और टोपी पहनाएं। दो माह से कम उम्र के शिशुओं में खांसी-जुकाम के अलावा निमोनिया व पीलिया की शिकायत हो सकती है।
एक्सपर्ट : डॉ. सौरभ सिंह, नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ

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