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Breast cancer का 98% सटीक पता लगाने वाला टूल, चिकित्सा में नई क्रांति

Breast cancer early detection : एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक उन्नत मशीन लर्निंग आधारित स्क्रीनिंग तकनीक विकसित की है, जो ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों का तेज और सटीक पता लगाने में सक्षम है।

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Early Detection of Breast Cancer Possible Reveals Sweden Study

Early Detection of Breast Cancer Possible Reveals Sweden Study

Breast cancer early detection : ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती चरण में सटीक पहचान अब और आसान हो गई है। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक मशीन लर्निंग आधारित तकनीक विकसित की है, जो 98% सटीकता के साथ ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का पता लगाने में सक्षम है। इस नई तकनीक ने कैंसर स्क्रीनिंग में नई उम्मीदें जगाई हैं।

Breast cancer early detection : मशीन लर्निंग और लेजर का अनोखा संगम

यह तकनीक लेजर विश्लेषण (रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी) और मशीन लर्निंग को जोड़ती है। मरीज के रक्त प्लाज्मा पर लेजर बीम डालने के बाद, स्पेक्ट्रोमीटर डिवाइस के जरिए रासायनिक संरचना में होने वाले छोटे बदलावों का विश्लेषण किया जाता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह तकनीक रक्त प्रवाह में होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों को पहचानने में सक्षम है, जो मौजूदा स्टैंडर्ड टेस्ट जैसे फिजिकल एग्जामिनेशन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड या बायोप्सी में नहीं दिखते।

स्टेज 1ए में सटीक पहचान

यह तकनीक ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के शुरुआती चरण, जिसे स्टेज 1ए कहा जाता है, में भी प्रभावी है। पारंपरिक परीक्षणों में अक्सर कैंसर की पहचान देर से होती है, लेकिन यह तकनीक शुरुआती चरण में ही बीमारी का पता लगा सकती है।

चार मुख्य उपप्रकारों का सटीक वर्गीकरण

मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के जरिए यह तकनीक 90% से अधिक सटीकता के साथ ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के चार मुख्य उपप्रकारों में अंतर कर सकती है। इससे मरीजों को व्यक्तिगत और प्रभावी उपचार मिलने में मदद होती है।

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पारंपरिक परीक्षण बनाम नई तकनीक

वर्तमान में उपलब्ध मानक परीक्षण जैसे बायोप्सी, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड अक्सर महंगे, समय लेने वाले और कई बार दर्दनाक होते हैं। इसके विपरीत, यह नई तकनीक तेज, सटीक और गैर-आक्रामक है, जो इसे अधिक किफायती और व्यापक रूप से उपयोगी बनाती है।

कई प्रकार के कैंसर के लिए रास्ता खोल सकती है यह तकनीक

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तकनीक का उपयोग केवल ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) तक सीमित नहीं रहेगा। भविष्य में, इसका विस्तार अन्य प्रकार के कैंसर की पहचान के लिए भी किया जा सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) जैसी गंभीर बीमारी का शुरुआती चरण में पता लगाना मरीज के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय की यह नई तकनीक चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता है। उम्मीद है कि यह तकनीक जल्द ही बड़े पैमाने पर उपयोग में लाई जाएगी और कैंसर स्क्रीनिंग को सुलभ और अधिक प्रभावी बनाएगी।