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Breath Causes: सांस फूलना हो सकता है बड़ी बीमारी का पहला लक्षण, जानिए कौन-से टेस्ट हैं जरूरी

Breath Causes: अगर आप बिना ज्यादा मेहनत किए या थोड़ी सी शारीरिक गतिविधियों के बाद ही थककर हांफने लगते हैं या आपकी सांस फूलने लगती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। आइए जानते हैं सांस फूलने के संभावित कारण और इससे जुड़ी जरूरी मेडिकल जांच के बारे में।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 13, 2025

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Breathlessness early signs of disease|फोटो सोर्स – Freepik

Shortness Of Breath Causes: आजकल की जीवनशैली और खान-पान की वजह से लोग कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इन्हीं में से एक समस्या है सांस फूलना। यह कई बड़ी बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकता है।
अगर आप बिना ज्यादा मेहनत किए या थोड़ी सी शारीरिक गतिविधियों के बाद ही थककर हांफने लगते हैं या आपकी सांस फूलने लगती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। अक्सर लोग इसे आम थकान समझकर छोड़ देते हैं, लेकिन कई बार इसके पीछे दिल, फेफड़े या खून से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी छिपी होती है।इसलिए समय रहते इसकी जांच करवाना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं सांस फूलने के संभावित कारण और इससे जुड़ी जरूरी मेडिकल जांच के बारे में।

सांस क्यों फूलती है? ये हो सकते हैं कारण

दिल की बीमारी (हार्ट डिजीज)

जब दिल शरीर को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचा पाता, तो इसका असर फेफड़ों और अन्य अंगों पर भी पड़ता है। इस स्थिति में फेफड़ों में तरल जमा होने लगता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके साथ-साथ पैरों, टखनों और पेट में सूजन भी देखी जा सकती है।

फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं

अगर आपको अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) या फेफड़ों में संक्रमण जैसी समस्या है, तो यह भी सांस फूलने का बड़ा कारण हो सकता है। इन बीमारियों में फेफड़े अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते।

थायरॉइड

थायरॉइड की समस्या, खासकर हाइपोथायरॉइडिज्म में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे थकान और सांस फूलने की समस्या हो सकती है। वहीं हाइपरथायरॉइडिज्म में दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जिससे भी सांस लेने में दिक्कत होती है।

किडनी और लिवर की गड़बड़ी


जब किडनी और लिवर शरीर से जरूरी तरल पदार्थ को बाहर नहीं निकाल पाते, तो वह शरीर में जमा होने लगता है। इससे फेफड़ों में फ्लूइड भर सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है और शरीर में सूजन भी आ सकती है।

कुछ दवाओं का असर

हाई ब्लड प्रेशर या हार्मोन से संबंधित दवाएं भी शरीर में फ्लूइड रोक सकती हैं, जिससे सांस फूलने जैसी समस्या हो सकती है।

किन जांचों की जरूरत होती है?

  • ब्लड टेस्ट: शरीर में खून, लिवर और किडनी की कार्यक्षमता की जांच के लिए।
  • चेस्ट एक्स-रे: यह देखने के लिए कि फेफड़ों में तरल तो नहीं जमा है।
  • यूरिन टेस्ट: किडनी की सेहत का पता लगाने के लिए।
  • ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम: दिल की धड़कनों और पंपिंग क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए।
  • पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट: फेफड़ों की ताकत और कार्य करने की क्षमता की जांच के लिए।
  • TSH, T3 और T4 ब्लड टेस्ट: थायरॉइड से जुड़ी समस्या जानने के लिए।

समय रहते लक्षणों को पहचानना जरूरी है

सांस फूलना सुनने में एक मामूली समस्या लग सकती है, लेकिन यह कई बार शरीर में शुरू हो रही किसी गंभीर बीमारी का संकेत होता है। अगर आपको थोड़ी भी शारीरिक मेहनत में सांस लेने में परेशानी होने लगे, तो देरी न करें। जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें और जरूरी जांच कराएं।

क्या करें मरीज?

  • नमक का सेवन सीमित करें – क्योंकि ज्यादा नमक शरीर में पानी रोक सकता है।
  • हल्की-फुल्की कसरत या टहलना रोज करें।
  • धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं – ये फेफड़ों और दिल दोनों के लिए नुकसानदायक हैं।
  • वजन संतुलित रखें – मोटापा दिल और फेफड़ों पर दबाव डालता है।