
Can children be at risk of coronavirus like adults?
Coronavirus impact on children: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। और इस महामारी ने पूरी दुनिया में एक बड़ा संकट भी खड़ा किया है। यह वायरस वयस्कों को ही नहीं बच्चों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। लेकिन बच्चों में इसके प्रभाव को लेकर कई सवाल उठते हैं। क्या बच्चों में कोरोना वायरस (coronavirus) का खतरा वयस्कों की तरह है। क्या वे भी गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। आइए जानते हैं।
कोरोना वायरस (coronavirus) बच्चों में भी संक्रमित हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर वयस्कों की तुलना में हल्के लक्षणों के साथ दिखाई देता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि बच्चों में कोरोना संक्रमण के लक्षण कम गंभीर होते हैं, और अधिकतर बच्चे बिना किसी जटिलता के ठीक हो जाते हैं।
हालांकि, बच्चों में संक्रमण की दर कम है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों को कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित माना जा सकता है। वे भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं और दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
बच्चों में कोरोना के लक्षण वयस्कों से थोड़े अलग हो सकते हैं। आम लक्षणों में शामिल हैं:
बच्चों में कोरोना वायरस के गंभीर प्रभाव दुर्लभ होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में बच्चों को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों में एक दुर्लभ, लेकिन गंभीर स्थिति "मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम" (MIS-C) भी उत्पन्न हो सकता है, जिसमें शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन आ जाती है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तुरंत चिकित्सा ध्यान की आवश्यकता होती है।
स्वच्छता बनाए रखें: बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें और उन्हें मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें, खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर।
सोशल डिस्टेंसिंग: बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रखें और सुनिश्चित करें कि वे घर पर रहें, खासकर जब संक्रमण का खतरा अधिक हो।
टीकाकरण: अगर आपके बच्चे के लिए कोरोना टीका उपलब्ध है, तो उन्हें टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें। यह उन्हें संक्रमण से बचा सकता है और गंभीर बीमारियों से रक्षा कर सकता है।
स्वास्थ्य निगरानी: अगर बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। सही समय पर इलाज से बच्चों को जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
22 Feb 2025 12:34 pm
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