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नई शोध से खुलासा: जन्म से पहले ही पहचाना जा सकता है कैंसर का जोखिम

Cancer Risk Before Birth: जानलेवा बीमारी की पहचान और इलाज में मिलेगी मदद जन्म से पहले ही पता चल सकता है कैंसर का कितना खतरा, अमरीकी वैज्ञानिकों का शोध

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भारत

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Puneet Sharma

Feb 19, 2025

Cancer Risk Before Birth

Cancer Risk Before Birth

Cancer Risk Before Birth: कैंसर के कारणों में जेनेटिक्स और लाइफस्टाइल जैसे फैक्टर्स शामिल होने से इसके खतरे के बारे में पहले से अनुमान लगाना मुश्किल माना जाता था। अमरीकी वैज्ञानिकों के एक नए शोध में पता चला है कि किसी व्यक्ति के जन्म से पहले ही मालूम किया जा सकता है कि उसमें कैंसर का कितना खतरा है।

नेचर कैंसर जर्नल में छपे शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों ने दो अलग-अलग एपिजेनेटिक कंडिशंस की पहचान की है, जो व्यक्ति में कैंसर के खतरे के संकेत हो सकती हैं। ये एपिजेनेटिक्स व्यक्ति में शुरुआती स्टेज में ही विकसित हो जाते हैं। एपिजेनेटिक से जेनेटिक एक्टिविटीज को डीएनए में बदलाव किए बगैर कंट्रोल किया जाता है। शोध के निष्कर्ष के मुताबिक इनमें से एक कंडिशन कैंसर के खतरे को कम करती है, जबकि दूसरी खतरा बढ़ा देती है। यह शोध कैंसर की जल्दी पहचान और इलाज में अहम साबित हो सकता है।

कम और ज्यादा रिस्क : Cancer Risk Before Birth

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मिशीगन के वैन एंडेल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि कम रिस्क वाली कंडिशन में व्यक्ति में ल्यूकेमिया या लिंफोमा जैसे लिक्विड ट्यूमर होने का खतरा ज्यादा होता है। ज्यादा रिस्क वाली कंडिशन में लंग या प्रोस्टेट कैंसर जैसे सॉलिड ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है।

चूहों पर किया प्रयोग

शोध में चूहों पर प्रयोग से पता चला कि ट्रिम-28 जीन के नीचे स्तर वाले चूहों में कैंसर से जुड़े जीन्स पर एपिजेनेटिक मार्कर दो अलग-अलग पैटर्न में पाए गए। ये पैटर्न शुरुआती स्टेज में ही विकसित हो जाते हैं। हर असामान्य कोशिका कैंसर में नहीं बदलती, लेकिन इससे खतरा जरूर बढ़ जाता है।

कैंसर की रोकथाम के लिए कदम:

अगर भविष्य में यह तरीका सफल साबित होता है, तो कैंसर से लड़ने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

आहार और पोषण: वैज्ञानिक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जिन व्यक्तियों में कैंसर का खतरा ज्यादा हो, वे अपने आहार और पोषण में बदलाव करें।

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स्वस्थ जीवनशैली: व्यक्ति को शारीरिक सक्रियता बढ़ाने और धूम्रपान या शराब से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है।

सक्रिय निगरानी: उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की नियमित रूप से जांच की जा सकती है, ताकि कैंसर के शुरुआती लक्षणों को जल्दी पहचाना जा सके।