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दो साल के बच्चे को स्क्रीन दिखाना बिल्कुल मना

Kids under two shouldn't be allowed any screen time: स्वीडिश एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियंस के मुताबिक दो साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन पर समय बिताने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। तीन से पांच साल के बच्चों के लिए भी स्क्रीन टाइम प्रतिदिन केवल एक घंटे तक सीमित होना चाहिए। स्वीडिश चिकित्सकों के मुताबिक दो साल से कम उम्र के बच्चों को स्मार्टफोन ही नहीं, बल्कि टेलीविजन देखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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जयपुर

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Jaya Sharma

Nov 04, 2023

दो साल से छोटे बच्चे स्क्रीन टाइम बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए

दो साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन देखने की अनुमति नहीं, देखिए बच्चों की उम्र के साथ कितना सीमित होना चाहिए स्क्रीन टाइम

स्वीडिश एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन्स की हालिया रिपोर्ट पर गौर करें तो दो साल से छोटे बच्चे स्क्रीन टाइम बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। एसोसिएशन ने माता-पिता से कहा है कि दो से पांच साल की उम्र के बच्चों के लिए दिन में एक घंटा स्क्रीन पर समय देना पर्याप्त है। विशेषज्ञों ने लंबे समय से बच्चों के विकास पर स्क्रीन समय के प्रभाव पर चिंता जताई है। एसोसिएशन की ये नई सिफ़ारिशें राष्ट्रीय नीति निर्माताओं की मदद के लिए डिज़ाइन की गई हैं और इसमें जिम्मेदार मीडिया उपयोग के मार्गदर्शन में माता-पिता की भूमिका पर सलाह भी शामिल है।

मार्गदर्शन बेहद जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों का स्क्रीन समय मोनिटर करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उन्हें खाने की अच्छी आदतें या यातायात सुरक्षा सिखाना। दो वर्ष से कम उम्र के युवाओं को 'बहुत विशेष मामलों' में ही उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है, जिसमें सीखने में कठिनाइयां देखने को मिलती है। चिकित्सकों का तर्क कि छोटे बच्चों का दिमाग अभी तक इतना परिपक्व नहीं हुआ।

बच्चों पर नकारात्मक असर
शोध से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे बच्चों के विकास में नकारात्मक असर देखने को मिल रहे है। बच्चों ने अपनी अलग ही दुनिया बना ली है, वे बहुत ज्यादा चिड़चिड़े हो रहे हैं। उनकी एकाग्रता खराब होती है और व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलते है। वे स्ट्रेस में भी रहते हैं। वहीं सामाजिक कौशल विकसित करने की क्षमता धीमी हो सकती है। ऐसे में उनका स्क्रीन प्रयोग नियंत्रित करना जरूरी होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी जारी किए थे दिशा—निर्देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2019 में इसी तरह का दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें तीन साल से कम उम्र के बच्चों को टीवी न देखने या टैबलेट पर गेम खेलने के लिए न बैठने की सलाह दी गई थी। संस्था ने कहा कि तीन और चार साल की उम्र वालों को भी दिन में एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन पर नहीं रहना चाहिए। कोविड महामारी के दौरान बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया। जिसका असर अभी तक देखने को रहा है।