
Control diabetes with Arjuna bark
Home Remedies For Diabetes : कई बार सुबह के समय शरीर में ब्लड शुगर का स्तर अधिक होता है, जिसे पूरे दिन नियंत्रित करना कठिन हो सकता है। ऐसे में, आप रात में ही कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करेंगे, ताकि सुबह का स्तर संतुलित रहे।
बदलती जीवनशैली के कारण आजकल लोग कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या डायबिटीज (Diabetes) है, जो तेजी से फैलती जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में युवाओं में इस बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, और अब बच्चों में भी शुगर की समस्या देखने को मिल रही है।
डायबिटीज (Diabetes) के कारण हमारे पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाते, जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। यदि समय पर ब्लड शुगर को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह शरीर के विभिन्न अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
अर्जुन की छाल का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। यह डायबिटीज के उपचार में भी अत्यंत लाभकारी होती है। अर्जुन की छाल में कई प्रकार के एंजाइम होते हैं, जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
अर्जुन की छाल एक एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व के रूप में कार्य करती है, जिससे शरीर की सूजन को कम किया जा सकता है। यह उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी प्रभावी है। इसके माध्यम से आप शुगर की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं। किडनी और लिवर के लिए भी यह लाभकारी सिद्ध होती है।
शरीर में बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है। इसे विभिन्न तरीकों से प्रयोग में लाया जा सकता है। यदि आप रात में सोने से पहले एक टुकड़ा अर्जुन की छाल मुँह में रख लेते हैं और सो जाते हैं, तो इससे सुबह आपका ब्लड शुगर स्तर काफी हद तक नियंत्रित रहेगा। यह पाचन को भी सुधारता है और सुबह पेट से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है। आप चाहें तो अर्जुन की छाल का पानी भी सुबह पी सकते हैं। इसके लिए छाल को पानी में भिगोकर, सुबह उबालकर और छानकर सेवन करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
27 Sept 2024 04:22 pm
Published on:
27 Sept 2024 04:21 pm
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