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Cornea Test And Covid : एक अध्ययन का दावा है कि कॉर्निया टेस्ट से लम्बे समय से कोविड से पीड़ित का पता लगा सकता है

locationनई दिल्लीPublished: Jul 31, 2021 05:19:45 pm

Submitted by:

Neelam Chouhan

Cornea Test And Covid: कतर और टर्की के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चलता है कि कॉर्निया की सतह पर बढ़ती हुई इम्यून सेल्स (प्रतिरक्षा कोशिकाओं) में वृद्धि होना, ये बता सकती है कि आप लम्बे समय कोविड से पीड़ित हैं इसकी पहचान कर सकती है।
 
 

Cornea Test detects Long Covid

Cornea Test detects Long Covid

नई दिल्ली। ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थैल्मोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च में पता चला है कि मनुष्यों की आंखों की परतों में पाए जाने वाली कोशिकाओं के तंत्रिका क्षति के संकेत डॉक्टर्स को ये समझने में सहायता कर सकते हैं कि रोगी लांग टाइम से कोविड (Cornea Test And Covid) से पीड़ित है या नहीं। अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया, “कॉर्नियल कन्फोकल माइक्रोस्कोपी कॉर्नियल छोटे तंत्रिका फाइबर के नुकसान की पहचान करता है और विशेष रूप से न्यूरोलॉजिकल लक्षणों वाले लोगों में जो लंबे समय से कोवि़ड से पीड़ित रोगियों में डीसी में वृद्धि देखी गई है।”
टर्की और कतर के शोधकर्ताओं ने जो अध्ययन किया है उसमें ये पता चला है कि नर्व फाइबर(तंत्रिका फाइबर) कि हानि और कॉर्निया की परत पर जो मुख्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं में वृद्धि है ये लंबे समय से कोविड के पहचान की विशेषता कर सकती है। रिसर्च में 40 मरीज लिए गए थे, जो तकरीबन पांच से छह महीने पहले कोविड -19 से ठीक हुए थे। जिसमें से 30 व्यक्ति बिलकुल फिट हो चुके थे और उन्हें रेफरल तृतीयक विश्वविद्यालय हॉस्पिटल में क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन में रखा गया था।
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Cornea Test And Covid: रिसर्च में ये बताया गया है कि खूशबु न आना, खाने में स्वाद न आना, चक्कर आना, हाथ पैर सुन्न हो जाना आदि जो न्यूरोलॉजिकल लक्षण वाले व्यक्तियों के कॉर्निया में बदलाव अच्छे से देखे जा सकते हैं। सभी रोगियों की डेंड्राइटिक कोशिकाओं की क्षति और बढ़त को छोटी तंत्रिका फाइबर को ढूंढ़ने के लिए सीसीएम का यूज़ करके कॉर्निया स्कैन किया गया था। ।
उसके बाद 40 स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना 40 कोविड रोगों से पीड़ित व्यक्तियों कि की गई। रिसर्च में जो लोग नामांकित थे सभी 40 व्यक्तियों को उनके सांस, दिल, न्यूरोलॉजिकल, त्वचा विज्ञान, नाक, कान और गलों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी इक्कठा करने के लिए प्रश्नावली दी गई। कोरोना महामारी से संक्रमित होने के लगभग 4 हफ़्तों के बाद कम से कम 20 से 22 रोगियों ने न्यूरोलॉजिकल के लक्षणों की सूचना दी, वहीं बचे हुए 13 लोगों ने 12 हफ़्तों बाद उनको भी यही लक्षण पाए जाने की बात कही।
अध्ययन में बताया गया है कि COVID-19 के रोगियों में 4 सप्ताह में लगातार न्यूरोलॉजिकल लक्षणों वाले रोगियों में परिपक्व डीसी पाए गए, वहीं 12 सप्ताह में परिपक्व और अपरिपक्व डीसी में वृद्धि के साथ, COVID-19 में प्रतिरक्षा सक्रियण के विकास में अंतदृष्टि रखते हैं।

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