एक से 14 दिन में पनपता करोना, जानें दूसरे फ्लू के लक्षण
शरीर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, बुखार, छींकें आना, अस्थमा का बिगडऩा, थकान, फेफड़ों में सूजन आदि हैं।

इसके लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे हैं। इनमें सिर व शरीर में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, बुखार, छींकें आना, अस्थमा का बिगडऩा, थकान, फेफड़ों में सूजन आदि हैं। इसमें निमोनिया जैसे लक्षण भी दिखते हैं जो घातक अवस्था होती है। लक्षण आमतौर पर एक से 14 दिन में दिखने लगते हैं।
सामान्य फ्लू के ये लक्षण
अचानक बुखार (करीब 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक), सूखी खांसी, मांसपेशियों में जकडऩ, सिरदर्द, गले में खराश, थकान, बहती या बंद नाक, उल्टी और दस्त (बच्चों में अधिक होते हैं)।
स्वाइन फ्लू के ये लक्षण
बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, कभी-कभी दस्त और उल्टी होना। सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। गंभीर होने पर सीने में दर्द, सांस तेज चलना, कम रक्तचाप, भ्रम की स्थिति, अस्थमा, गुर्दे और हृदय का फेल होना, एंजाइना या फिर सीओपीडी (फेफड़ों का रोग) हो सकता है।
माइक्रो वायरस फिल्टर मास्क पहनें
अ नुमान लगाया जा रहा है कि सार्स की तरह कोनोरा वायरस का आकार भी 0.3 माइक्रॉन होगा। जिसको फिल्टर करने के लिए सर्जिकल मास्क पर्याप्त नहीं है। माइक्रो वायरस फिल्टर मास्क की जरूरत होगी। एन95 मास्क ही पहनें जो 0.1 माइक्रॉन तक के वायरस को रोक देता है। अगर रुटीन मास्क इस्तेमाल कर रहे हैं तो रोज बदलें।
सॉल्टी मास्क अधिक कारगर!
एक अध्ययन के अनुसार सर्जिकल और एन95 मास्क से वायरस मरते नहीं बल्कि फिल्टर होते हैं। जब हाथ से मास्क को छूते हैं तो वायरस हाथों से शरीर में फैल जाते हैं। शोध में पाया गया है कि सोडियम या पोटैशियम कोलेराइड में 30 मिनट वायरस को रखने पर निष्क्रिय हो जाते हैं। ऐसे में सॉल्टी मास्क को अधिक कारगर माना जा रहा है।
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