
file:///home/amit.kumar/IPL Cheerleaders/COVID19 survivors facing long term post coronavirus symptoms.jpg
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद दुनिया भर में लाखों लोग महीनों बाद पोस्ट-कोविड-19 सिंपटम्स (संक्रमण के बाद के लक्षणों) से परेशान हो रहे हैं। यहां तक कि हल्के या बिना लक्षणों वाले लोगों को ठीक होने के बाद भी ब्रेन फॉग, लगातार थकावट और फेफड़े, हृदय या गुर्दे के नुकसान की परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
बहुत लंबे समय तक नजर आने वाली यह दिक्कतें मरीजों के लिए काफी परेशानी भरी साबित हो रही हैं। चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने इस संबंध में तत्काल प्रभाव से विशेष अध्ययन कराए जाने की वकालत की है।
स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के संस्थापक और निदेशक कार्डियोलॉजिस्ट एरिक टोपोल कहते हैं, "मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि इस ओर कितना कम ध्यान दिया गया है। हमारे पास COVID-19 संक्रमण वाले कम से कम 10 फीसदी लोग हैं जो अभी भी कुछ महीनों से या छह महीने से पीड़ित हैं। यह उन लोगों की सबसे बड़ी श्रेणी है जो प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं और इनमें से कई पूर्व में जिस तरह सामान्य ढंग से काम करते थे, अब नहीं कर सकते हैं।
कोरोना से जुड़ते संबंध
वायरस की कहानी
अभी भी हैं कई सवाल
Updated on:
08 Feb 2021 08:50 pm
Published on:
08 Feb 2021 08:35 pm
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
