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Delhi Air Pollution Health Effects: दिल्ली की हवा बनी जहर! बच्चों-बड़ों में सांस की बीमारी 90% बढ़ी

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से बच्चों और बड़ों में सांस की बीमारियां 90% तक बढ़ीं। जानिए लक्षण, कारण और आसान घरेलू उपाय।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 16, 2025

Delhi Air Pollution Health Effects

Delhi Air Pollution Health Effects (Photo- freepik)

Delhi Air Pollution Health Effects: दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। चारों तरफ छाया धुआं और स्मॉग लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल बना रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खतरनाक स्तर को पार कर रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार हालात और भी चिंताजनक हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि बच्चों और बड़ों में सांस से जुड़ी बीमारियों के मामले करीब 90% तक बढ़ गए हैं, जिस वजह से अस्पतालों की OPD में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

दिल्ली में सांस की बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं?

सर्दियों में दिल्ली का प्रदूषण और ज्यादा खतरनाक हो जाता है। इसकी वजह है, वाहनों का धुआं, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य की धूल और आसपास के राज्यों में पराली जलाना। ऊपर से ठंडी हवा और मौसम की स्थिति ऐसी होती है कि गंदी हवा जमीन के पास ही फंस जाती है। PM2.5 जैसे बारीक कण सीधे फेफड़ों के अंदर तक पहुंच जाते हैं, जिससे सूजन, खांसी और सांस की तकलीफ बढ़ जाती है।

प्रदूषण से होने वाले आम लक्षण

खराब हवा की वजह से लोग इन परेशानियों का सामना कर रहे हैं। लगातार खांसी और गले में जलन, सीने में जकड़न या भारीपन, सांस फूलना या घरघराहट, नाक बहना या बंद रहना, आंखों में जलन और पानी आना, अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो ये लक्षण गंभीर रूप ले सकते हैं।

घर पर अपनाएं ये आसान उपाय

डॉक्टरों का कहना है कि इस समय कुछ सरल घरेलू उपाय काफी राहत दे सकते हैं:

भाप लें- भाप लेने से नाक और छाती में जमा गंदगी ढीली होती है। गर्म पानी में नीलगिरी या पुदीने का तेल डालकर 5-10 मिनट भाप लें।

नमक के पानी से गरारे- प्रदूषण गले में सूजन पैदा करता है। दिन में 2–3 बार गुनगुने नमक वाले पानी से गरारे करें।

शरीर को हाइड्रेट रखें- पानी, हर्बल चाय, हल्दी-दूध, अदरक-शहद वाला काढ़ा पिएं। इससे बलगम पतला होता है और इम्यूनिटी मजबूत रहती है।

फेफड़ों के लिए फायदेमंद खानपान- संतरा, अनार, पालक, हल्दी, बादाम और आंवला जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स लें।

सांस की एक्सरसाइज करें- अनुलोम-विलोम, गहरी सांस लेना और धीरे-धीरे सांस छोड़ना फेफड़ों को मजबूत बनाता है।

घर की हवा साफ रखें- खिड़कियां बंद रखें, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और घर के अंदर धूम्रपान न करें।

बाहर निकलते समय सावधानी जरूरी

अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो N95 या N99 मास्क जरूर पहनें। कपड़े का मास्क प्रदूषण से बचाव नहीं करता। अगर सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो, सीने में दर्द, बुखार या खांसी लंबे समय तक बनी रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अस्थमा, COPD या दिल के मरीजों को खास सतर्क रहना चाहिए।