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डेंगू के इलाज में पपीते के पत्ते का रस कितना असरदार? क्या कहते हैं डॉक्टर्स

locationनई दिल्लीPublished: Oct 24, 2021 04:23:33 pm

Submitted by:

Nitin Singh

डेंगू से बचने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं, जिनमें से पपीते के पत्तों का रस भी एक है। आज हम आपको बताएंगे कि पपीते के पत्ते का रस डेंगू के प्रति कितना प्रभावी है और इसको लेकर मेडिकल साइंस क्या कहती है।

dengue fever treatment with papaya leaves juice, how effective

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नई दिल्ली। इन दिनों देश के कई हिस्सों में डेंगू का कहर देखने को मिलता है। इस बीमारी में मरीज को तेज बुखार होता है और प्लेटलेट्स गिरने लगती हैं। ऐसे में अगर मरीज पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो उसकी जान पर बन आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू का अभी तक कोई अचूक इलाज नहीं है, ऐसे में डॉक्टर बुखार के दवा के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा देते हैं।
वहीं डेंगू से बचने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं, जिनमें से पपीते के पत्तों का रस भी एक है। आज हम आपको बताएंगे कि पपीते के पत्ते का रस डेंगू के प्रति कितना प्रभावी है और इसको लेकर मेडिकल साइंस क्या कहती है।
पपीते के पत्तों के रस में क्या पाया जाता है
बता दें कि डॉक्टर्स डेंगू के इलाज में पपीते के पत्तों की भूमिका को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहते। Indianpediatrics.net वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पपीते के तरल अर्क में पापैन, साइमोपापैन, सिस्टाटीन, एल-टोकोफेरोल, एस्कॉर्बिक एसिड, फ्लैवोनॉयड्स, सियानोजेनिक ग्लूकोसाइड्स और ग्लूकोसिनोटेट्स पाया जाता है। ये सभी एंटीऑक्सीडेंट हैं, जो ये एंटी ट्यूमर एक्टिविटी करते हैं। इनसे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत होता है।
बढ़ जाती हैं प्लेटलेट्स
इसके साथ ही पपीते के पत्ते के रस को लेकर जानवरों पर भी अध्ययन किया गया है, इसमें सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बताया गया कि पपीते के पत्तों के रस से जानवरों की सेहत में कई तरह के सुधार देखे गए हैं। खास तौर पर इससे उनमें प्लेटलेट्स और रेड ब्लड सेल की संख्या में वृद्धि देखी गई है
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वहीं मलेशिया में भी इसको लेकर ट्रायल किए गए हैं। इसमें पाया गया कि पपीते के रस दिए जाने के 40 से 48 घंटे बाद प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई। इसी तरह के अन्य परीक्षणों में भी प्लेटलेट्स बढ़ने की बात समाने आई है। हालांकि इस अध्ययन बहुत छोटे स्तर पर किए गए हैं। फिलहाल विज्ञान में पपीते के रस को लेकर कोई ठोस अध्ययन नहीं हैं। वहीं मेडिकल साइंस में इसे एक हर्बल उत्पाद माना जाता है।
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