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Brain Cancer है या नहीं, अब सिर्फ 60 मिनट में पता चल जाएगा

Brain Cancer Test Now Takes Only 60 Minutes : अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने शोध में खोजा नया तरीका, ब्रेन कैंसर है या नहीं, अब सिर्फ 60 मिनट में पता चल जाएगा

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Detect Brain Cancer in Just 60 Minutes

Detect Brain Cancer in Just 60 Minutes

Brain Cancer Test Now Takes Only 60 Minutes : वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क कैंसर का पता लगाने के लिए नई विधि ‘लिक्विड बायोप्सी’ विकसित की है। यह सामान्य सर्जिकल बायोप्सी के मुकाबले तेज और ज्यादा सटीक है। लिक्विड बायोप्सी में सिर्फ 100 माइक्रोलीटर खून का इस्तेमाल किया जाता है। यानी टेस्ट सिर्फ एक बंूद खून से हो जाता है। इसके जरिए ‘ग्लियोब्लास्टोमा’ (मस्तिष्क ट्यूमर के सबसे घातक प्रकार) से जुड़े बायोमार्कर का सिर्फ 60 मिनट में पता लगाया जा सकता है।

अमरीका के नोट्रेडेम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम ने ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों के साथ मिलकर नया तरीका विकसित किया। कम्युनिकेशंस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध में बताया गया कि यह ग्लियोब्लास्टोमा का पता लगाने के लिए किसी भी ज्ञात तरीके से ज्यादा सटीक तरीका है। क्लीनिकल टेस्ट में 20 ग्लियोब्लास्टोमा मरीजों और 10 स्वस्थ लोगों के खून के सैंपल पर लिक्विड बायोप्सी की गई। इसके परिणाम काफी आशाजनक रहे। मस्तिष्क कैंसर (Brain Cancer) के निदान में यह बड़ा कदम है।

इलेक्ट्रोकाइनेटिक तकनीक का इस्तेमाल Brain Cancer Test Now Takes Only 60 Minutes

शोधकर्ताओं का कहना है कि निदान के बाद ग्लियोब्लास्टोमा का मरीज औसतन 12-18 महीने जिंदा रहता है। आमतौर पर इस (Brain Cancer) घातक कैंसर का पता लगाने में सर्जिकल बायोप्सी जैसी मुश्किल प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसमें काफी समय लगता है। नई विधि में बायोमार्कर या सक्रिय एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर्स (ईजीएफआर) का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोकाइनेटिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

इस तरह मिलता है घातक बीमारी का संकेत

नई विधि में ईजीएफआर का पता लगाने के लिए स्पेशल बायोचिप का इस्तेमाल किया जाता है। चिप की कीमत दो डॉलर (करीब 167 रुपए) से कम है। इसमें बॉलपॉइंट पेन की नोक के आकार का छोटा सेंसर होता है। जब खून के सैंपल को बायोचिप से चिपकाते हैं तो प्लाज्मा सॉल्यूशन में वोल्टेज बदलता है। इससे हाई नेगेटिव चार्ज बनता है, जो कैंसर होने का संकेत है।