
भूलने की बीमारी, अल्जाइमर, दुनिया भर में तेजी से फैल रही है, भारत इससे अछूता नहीं है. इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के उपाय हैं. हाल के अध्ययनों से पता चला है कि भारत में 60 साल से ऊपर के 7.4% लोगों को अल्जाइमर है, यानी करीब 88 लाख लोग इससे ग्रस्त हैं. महिलाओं में यह पुरुषों से ज्यादा पाया जाता है और ग्रामीण इलाकों में शहरों के मुकाबले ज्यादा आम है.

अच्छी खबर ये है कि नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार और दिमाग को तेज करने वाली पहेलियां अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम करने में मदद कर सकती हैं. न्यूरोसाइंटिस्ट रॉबर्ट लव अपने एक इंस्टाग्राम वीडियो में बताते हैं कि कुछ पेय पदार्थ हैं जिन्हें हम रोजाना पीते हैं, लेकिन वे हमारे दिमाग के लिए बिल्कुल अच्छे नहीं हैं. आइए जानते हैं कौन से हैं ये दिमाग के दुश्मन:

1. डाइट सोडा: ज्यादातर डाइट सोडा में एक कृत्रिम स्वीटनर होता है जिसे एस्पार्टेम कहते हैं. रॉबर्ट लव कहते हैं, "एस्पार्टेम हमारे आंत के अच्छे बैक्टीरिया के लिए हानिकारक है और कैंसर जैसे साइड इफेक्ट्स भी पैदा कर सकता है. शोध बताते हैं कि एस्पार्टेम टाइप 2 डायबिटीज़ से जुड़ा हुआ है, जो दिमाग के लिए हानिकारक है."

3. स्पोर्ट्स ड्रिंक्स: कई स्पोर्ट्स ड्रिंक्स का दावा होता है कि वे कसरत के बाद आपकी ऊर्जा बढ़ाएंगे, लेकिन इनमें मौजूद कृत्रिम स्वीटनर अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ा सकते हैं.

2. शराब: शराब सिर्फ लीवर को ही नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि हमारे आंत के अच्छे बैक्टीरिया को भी मार देती है, जिससे दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है. रॉबर्ट लव कहते हैं, "शराब प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में गतिविधि को कम करती है, जो कि हमारा आत्म-नियंत्रण का केंद्र होता है. यह हमारे दिमाग के उस हिस्से को बंद कर देती है जो हमें गलत काम करने से रोकता है. दिमाग के लिए ये बिल्कुल अच्छा नहीं है. इसके अलावा, शराब का सबसे बड़ा खतरा दिमाग के लिए नींद है."