
Esophageal Cancer Symptoms (Photo- gemini ai)
Esophageal Cancer Symptoms: स्वस्थ दिखना और अंदर से स्वस्थ होना दो अलग बातें हैं। दरअसल इसोफैगल कैंसर (Esophageal Cancer) भी हम सभी के लिए चेतावनी है। लोग सोचते हैं कि कैंसर सिर्फ शराब, धूम्रपान या बूढ़े लोगों की बीमारी नहीं है। यह उन लोगों को भी पकड़ सकता है जो बाहर से बेहद फिट दिखते हैं, जिम जाते हैं, अच्छा खाते हैं और जिनकी लाइफस्टाइल परफेक्ट मानी जाती है। एक 30 साल के युवा के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
यह युवा न शराब पीता था, न सिगरेट, न ही परिवार में किसी को कैंसर था। अमेरिका में वह अपना बिजनेस संभालता था, नियमित वर्कआउट करता था, हाइकिंग पसंद करता था और घर का खाना ही खाता था। यानी वो हर तरह से लो-रिस्क कैटेगरी में आता था। लेकिन समस्या थी सालों तक अनदेखा किया गया एसिड रिफ्लक्स और यही धीरे-धीरे बैरेट इसोफैगल (Barrett’s Esophagus) में बदल गया, जो इसोफैगल कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, लगातार एसिड रिफ्लक्स (GERD) से इसोफैगस की लाइनिंग बदलने लगती है। यही बदलाव Barrett’s कहलाता है, जो समय के साथ प्रीकैंसरस सेल्स में और बाद में कैंसर में बदल सकता है। समस्या यह है कि कई लोगों की तरह, इस युवा को भी लक्षण बहुत हल्के महसूस होते थे। उसे कभी हल्की जलन, थोड़ा गले में खिंचाव, निगलने में हल्की दिक्कत, कभी-कभार खट्टी डकार, ये सब इतने मामूली थे कि वह TUMS, सोडा या एंटासिड लेकर ठीक कर लेता था। लेकिन अंदर एसिड लगातार इसोफैगस को नुकसान पहुंचा रहा था।
अच्छा खाना और वर्कआउट के बावजूद उसकी लाइफ में एक समस्या भारी पड़ रही थी। क्रॉनिक स्ट्रेस, बिजनेस का प्रेशर, ओवरट्रेनिंग और कम नींद। ये सभी चीजें रिफ्लक्स को बढ़ाती हैं। शरीर को आराम न मिलना, ज्यादा तनाव और खराब नींद सालों तक एसिडिटी को बिगाड़ते रहे और धीरे-धीरे इसोफैगस की कोशिकाएं बदलती गईं।
यह बीमारी अक्सर देर से पकड़ में आती है क्योंकि शुरुआती लक्षण बहुत मामूली होते हैं। इसके शुरुआत में बार-बार सीने में जलन (Heartburn), खट्टी डकारें, गले में जलन, खाने के बाद भारीपन होना और लंबे समय तक एसिडिटी रहना हो सकते हैं। अगर ये लक्षण हफ्तों से महीनों तक बने रहें, तो तुरंत गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से जांच करवानी चाहिए।
एसिड रिफ्लक्स को हल्के में न लें। बार-बार होने वाली एसिडिटी कभी भी Barrett’s में बदल सकती है। लंबे समय से GERD है? तो डॉक्टर एंडोस्कोपी करने की सलाह दे सकते हैं। इससे शुरुआती बदलाव पकड़ में आ जाते हैं। सोने से 2–3 घंटे पहले खाना न खाएं। फुल स्टमक होकर न सोएं। बहुत तला, मसालेदार, खट्टा, या ओवरईटिंग से बचें, और वजन नियंत्रण में रखें। साथ ही दाईं करवट न सोएं एसिड ऊपर आता है। स्ट्रेस कम करें और नींद पूरी लें। ये दोनों चीजें रिफ्लक्स को तेजी से बढ़ाती हैं। बहुत ज्यादा एक्सरसाइज भी रिफ्लक्स को बढ़ाती है।
Published on:
21 Nov 2025 09:16 am
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