26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खट्टी डकार या फिर गले में जलन… इसे गैस समझकर न टालें, हो सकता है Cancer का शुरूआती संकेत

Esophageal Cancer Symptoms : फिट दिखने वाले 30 वर्षीय युवक को क्यों हुआ इसोफैगल कैंसर? जानें Barrett’s esophagus, एसिड रिफ्लक्स के लक्षण, खतरे और शुरुआती बचाव के तरीके।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Nov 21, 2025

Esophageal Cancer Symptoms

Esophageal Cancer Symptoms (Photo- gemini ai)

Esophageal Cancer Symptoms: स्वस्थ दिखना और अंदर से स्वस्थ होना दो अलग बातें हैं। दरअसल इसोफैगल कैंसर (Esophageal Cancer) भी हम सभी के लिए चेतावनी है। लोग सोचते हैं कि कैंसर सिर्फ शराब, धूम्रपान या बूढ़े लोगों की बीमारी नहीं है। यह उन लोगों को भी पकड़ सकता है जो बाहर से बेहद फिट दिखते हैं, जिम जाते हैं, अच्छा खाते हैं और जिनकी लाइफस्टाइल परफेक्ट मानी जाती है। एक 30 साल के युवा के साथ भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।

यह युवा न शराब पीता था, न सिगरेट, न ही परिवार में किसी को कैंसर था। अमेरिका में वह अपना बिजनेस संभालता था, नियमित वर्कआउट करता था, हाइकिंग पसंद करता था और घर का खाना ही खाता था। यानी वो हर तरह से लो-रिस्क कैटेगरी में आता था। लेकिन समस्या थी सालों तक अनदेखा किया गया एसिड रिफ्लक्स और यही धीरे-धीरे बैरेट इसोफैगल (Barrett’s Esophagus) में बदल गया, जो इसोफैगल कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।

क्या थी कैंसर की असली वजह

डॉक्टरों के अनुसार, लगातार एसिड रिफ्लक्स (GERD) से इसोफैगस की लाइनिंग बदलने लगती है। यही बदलाव Barrett’s कहलाता है, जो समय के साथ प्रीकैंसरस सेल्स में और बाद में कैंसर में बदल सकता है। समस्या यह है कि कई लोगों की तरह, इस युवा को भी लक्षण बहुत हल्के महसूस होते थे। उसे कभी हल्की जलन, थोड़ा गले में खिंचाव, निगलने में हल्की दिक्कत, कभी-कभार खट्टी डकार, ये सब इतने मामूली थे कि वह TUMS, सोडा या एंटासिड लेकर ठीक कर लेता था। लेकिन अंदर एसिड लगातार इसोफैगस को नुकसान पहुंचा रहा था।

हेल्दी लाइफस्टाइल हमेशा हेल्दी नहीं होती

अच्छा खाना और वर्कआउट के बावजूद उसकी लाइफ में एक समस्या भारी पड़ रही थी। क्रॉनिक स्ट्रेस, बिजनेस का प्रेशर, ओवरट्रेनिंग और कम नींद। ये सभी चीजें रिफ्लक्स को बढ़ाती हैं। शरीर को आराम न मिलना, ज्यादा तनाव और खराब नींद सालों तक एसिडिटी को बिगाड़ते रहे और धीरे-धीरे इसोफैगस की कोशिकाएं बदलती गईं।

इसोफैगल कैंसर के लक्षण (Symptoms)

यह बीमारी अक्सर देर से पकड़ में आती है क्योंकि शुरुआती लक्षण बहुत मामूली होते हैं। इसके शुरुआत में बार-बार सीने में जलन (Heartburn), खट्टी डकारें, गले में जलन, खाने के बाद भारीपन होना और लंबे समय तक एसिडिटी रहना हो सकते हैं। अगर ये लक्षण हफ्तों से महीनों तक बने रहें, तो तुरंत गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से जांच करवानी चाहिए।

इसोफैगल कैंसर से बचाव कैसे करें? (Prevention)

एसिड रिफ्लक्स को हल्के में न लें। बार-बार होने वाली एसिडिटी कभी भी Barrett’s में बदल सकती है। लंबे समय से GERD है? तो डॉक्टर एंडोस्कोपी करने की सलाह दे सकते हैं। इससे शुरुआती बदलाव पकड़ में आ जाते हैं। सोने से 2–3 घंटे पहले खाना न खाएं। फुल स्टमक होकर न सोएं। बहुत तला, मसालेदार, खट्टा, या ओवरईटिंग से बचें, और वजन नियंत्रण में रखें। साथ ही दाईं करवट न सोएं एसिड ऊपर आता है। स्ट्रेस कम करें और नींद पूरी लें। ये दोनों चीजें रिफ्लक्स को तेजी से बढ़ाती हैं। बहुत ज्यादा एक्सरसाइज भी रिफ्लक्स को बढ़ाती है।