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Eyes tell your Health: आंखों का रंग सिर्फ खूबसूरती नहीं, आपकी हेल्थ रिपोर्ट भी बताता है! जानें कैसे

Eyes tell your Health: क्या आपकी आंखों का रंग या सफेद हिस्सा बदल रहा है? यह कोई सामान्य बात नहीं बल्कि पीलिया, लिवर डिजीज या न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। जानिए आंखों का रंग बदलने के 4 बड़े कारण और इलाज के तरीके।

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भारत

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Dimple Yadav

Oct 12, 2025

Eyes tell your Health

Eyes tell your Health (Photo- gemini ai)

Eyes tell your Health: आंखें न सिर्फ हमारी सुंदरता का अहम हिस्सा हैं, बल्कि ये हमारी सेहत का आईना भी होती हैं। कई बार आंखों के रंग में आने वाला मामूली सा बदलाव भी किसी गंभीर बीमारी का संकेत दे सकता है। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ऑप्थलमोलॉजी के अनुसार, आंखों का रंग अपने आप बदलना बहुत दुर्लभ होता है। लेकिन अगर आपकी आंखों का सफेद हिस्सा या पुतलियों का रंग बार-बार बदल रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

आंखों का रंग क्यों बदलता है?

अमेरिका के मैरीलैंड के आई स्पेशलिस्ट डॉ. उमर चौधरी के मुताबिक, आंखों के रंग में बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे जेनेटिक फैक्टर, बीमारियां, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट या किसी चोट (ट्रॉमा) की वजह से। हालांकि कई बार यह बदलाव सामान्य होता है, लेकिन कई स्थितियों में यह गंभीर मेडिकल कंडीशन्स की ओर इशारा करता है। आइए जानें ऐसी ही कुछ प्रमुख वजहें।

आंखों का पीला पड़ना: पीलिया का संकेत

अगर आपकी आंखों का सफेद हिस्सा (whites of eyes) पीला पड़ने लगे, तो यह पीलिया (Jaundice) का संकेत हो सकता है। पीलिया तब होता है जब लिवर ठीक से काम नहीं करता, जिससे खून में बिलीरुबिन नामक पीले रंग का पदार्थ बढ़ने लगता है। इससे न केवल आंखों का रंग पीला दिखता है, बल्कि त्वचा और mucous membranes भी पीली नजर आती हैं। अगर आंखों में पीला पन दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं क्योंकि यह लिवर या ब्लड डिसऑर्डर की ओर इशारा करता है।

आइरिस फ्रेकल्स (Iris Freckles): धूप के कारण

आइरिस फ्रेकल्स, आंखों के रंगीन हिस्से (Iris) पर बनने वाले छोटे-छोटे भूरे धब्बे होते हैं। ये मेलेनिन पिगमेंट के अधिक जमा होने से बनते हैं। आमतौर पर ये नुकसानदेह नहीं होते, लेकिन अगर ये बढ़ने लगें या दर्द महसूस हो तो आई स्पेशलिस्ट से सलाह लेना जरूरी है। धूप से आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस पहनें क्योंकि ये धब्बे UV किरणों से भी बढ़ सकते हैं।

आइरिस नेवी (Iris Nevi): तिल जैसे गहरे धब्बे

आइरिस नेवी, आंखों में बनने वाले गहरे रंग के उभार होते हैं जो त्वचा के तिल जैसे दिखते हैं। ये मेलानोसाइट्स (Melanocytes) नामक सेल्स की वजह से बनते हैं। हालांकि ये धीरे-धीरे बढ़ते हैं, लेकिन कई बार ये कैंसर का संकेत भी हो सकते हैं। अगर आंखों पर तिल जैसा धब्बा बड़ा होता दिखे या आकार बदले, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।

लिस्च नॉड्यूल्स (Lisch Nodules): जेनेटिक समस्या का संकेत

लिस्च नॉड्यूल्स छोटे भूरे रंग के उभार होते हैं जो आमतौर पर आइरिस पर दिखाई देते हैं। ये न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस नामक जेनेटिक बीमारी से जुड़े होते हैं। यह बीमारी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और शरीर में छोटे-छोटे ट्यूमर बनने लगते हैं।
हालांकि ये आंखों की रोशनी को प्रभावित नहीं करते, लेकिन इनकी मौजूदगी जेनेटिक डिसऑर्डर की पहचान में मदद करती है।