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मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती की असली ‘इम्युनिटी’ है परिवार

locationजयपुरPublished: May 17, 2021 08:38:49 pm

Submitted by:

Hemant Pandey

परिवार में सब एक दूसरे से प्रेम व श्रद्धा से जुड़े होते हैं। इसमें स्वार्थ की जगह नहीं होती है। एक दूसरे पर विश्वास होता है। इससे मानसिक बल मिलता है। अधिकतर बीमारियों की शुरुआत हमारी मानसिक समस्याओं से होती है, जो बाद में शारीरिक रोग के रूप सामने आते । परिवार, छोटी-छोटी मानसिक परेशानियों को बीमारी में बदलने से रोकता है।

मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती की असली ‘इम्युनिटी’ है परिवार

मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती की असली ‘इम्युनिटी’ है परिवार

90% बीमारियां की मुख्य वजह ही तनाव है
मेडलिंक्स सर्वे के अनुसार मनुष्यों में होने वाली करीब 75त्न से 90त्न बीमारियों की वजह केवल तनाव होता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से लाइफ स्टाइल से जुड़ी अधिकतर बीमारियां होती हैं। इनमें कार्डियोवेस्कुलर डिजीज, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, अल्जाइमर, कैंसर, अनिद्रा यहां तक मौसमी सर्दी-जुकाम की समस्या भी तनाव से हो सकती है। परिवार में साथ रहने से तनाव कम होता है।
जर्नल ऑफ इवोल्यूशन आफ मेडिकल एंड डेंटल साइंसेज में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक छोटे परिवार में रहने वाले लोग ज्यादा बीमार रहते हैं। उनमें तनाव का स्तर ज्यादा होता है। यही वजह है कि उनमें नशे के आदत हो जाती है। नशा करने वालों में असमय बुढ़ापा और बीमारियों का खतरा भी अधिक रहता है।
बीमारी में आराम मिलता
संयुक्त परिवार में कोई एक व्यक्ति बीमार होता है, तो उसे आराम करने का समय मिलता है। काम घर के दूसरे लोग कर देते हैं। वहीं एकल परिवार में बीमार होने के बाद भी काम खुद ही करना पड़ता, आराम न मिलने से रिकवरी में देरी होती, तनाव बढ़ता है।
सबकी अच्छी परवरिश
परिवार में अच्छी परवरिश और संस्कार मिलते हैं। संयुक्त परिवार में सही दिनचर्या रहती है। एकल परिवार में देरी से सोना और जागना आम बात है। इनसे भी कई बीमारियां होती हैं।
सीमित साधनों में खुशी
संयुक्त परिवार सीमित संसाधनों में भी खुश रहता है। वहां सब एक दूसरे का ख्याल रखते हैं। वस्तुु से ज्यादा व्यक्ति को महत्व मिलता है। इससे लोगों की इच्छाएं सीमित रहती हैं। उनमें बेवजह तनाव नहीं होता है।
बड़ों की सेवा से संतुष्टि
जब छोटे बड़ों की सेवा करते हैं तो उन्हें आशीर्वाद मिलता है। इससे बड़े-छोटे दोनों को ही संतुष्टि मिलती है। संतुष्टि, मानसिक भटकाव को रोकती है। इससे कई मानसिक रोगों से बचाव में मदद मिलती है।
हैल्दी खाना मिलता है
संयुक्त परिवार में बाजार का खाना कम ही मंगवाया जाता है, क्योंकि वहां बुजुर्गों, बच्चों और बीमार सबका ध्यान रखा जाता है। इसलिए घर में ही खाना बनता है, जबकि एकल परिवार में जंक फूड अधिक खाते हैं।
कोरोना काल में महत्त्व
संयुक्त परिवार में अपनी बातों को साझाकर लोग तनाव दूर कर लेते हैं। समीक्षा कर समस्याओं का हल करते हैं। एकल परिवार में संवाद की कमी रहती है। इससे कोरोना काल में एकल परिवारों में तनाव बढ़ा है।
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