संयुक्त परिवार में कोई एक व्यक्ति बीमार होता है, तो उसे आराम करने का समय मिलता है। काम घर के दूसरे लोग कर देते हैं। वहीं एकल परिवार में बीमार होने के बाद भी काम खुद ही करना पड़ता, आराम न मिलने से रिकवरी में देरी होती, तनाव बढ़ता है।
सबकी अच्छी परवरिश
परिवार में अच्छी परवरिश और संस्कार मिलते हैं। संयुक्त परिवार में सही दिनचर्या रहती है। एकल परिवार में देरी से सोना और जागना आम बात है। इनसे भी कई बीमारियां होती हैं।
सीमित साधनों में खुशी
संयुक्त परिवार सीमित संसाधनों में भी खुश रहता है। वहां सब एक दूसरे का ख्याल रखते हैं। वस्तुु से ज्यादा व्यक्ति को महत्व मिलता है। इससे लोगों की इच्छाएं सीमित रहती हैं। उनमें बेवजह तनाव नहीं होता है।
बड़ों की सेवा से संतुष्टि
जब छोटे बड़ों की सेवा करते हैं तो उन्हें आशीर्वाद मिलता है। इससे बड़े-छोटे दोनों को ही संतुष्टि मिलती है। संतुष्टि, मानसिक भटकाव को रोकती है। इससे कई मानसिक रोगों से बचाव में मदद मिलती है।
हैल्दी खाना मिलता है
संयुक्त परिवार में बाजार का खाना कम ही मंगवाया जाता है, क्योंकि वहां बुजुर्गों, बच्चों और बीमार सबका ध्यान रखा जाता है। इसलिए घर में ही खाना बनता है, जबकि एकल परिवार में जंक फूड अधिक खाते हैं।
कोरोना काल में महत्त्व
संयुक्त परिवार में अपनी बातों को साझाकर लोग तनाव दूर कर लेते हैं। समीक्षा कर समस्याओं का हल करते हैं। एकल परिवार में संवाद की कमी रहती है। इससे कोरोना काल में एकल परिवारों में तनाव बढ़ा है।