
Fruits for constipation: If you are troubled by constipation problem then start eating these 5 fruits
Fruits for constipation : कब्ज की समस्या एक असहज और पीड़ादायक होती है। कब्ज की समस्या का होने का प्रमुख कारण आपका खानपान और आपकी लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। आज की इस भागदौड भरी जिंदगी में लोगों ने अपनी दिनचर्या को इतना खराब कर लिया है कि उन्हें खाने पीने का पता ही नहीं चलता है। कब्ज की समस्या का मतलब होता है ही लगभग 3 दिन तक मल का त्याग नहीं करना।
कब्ज के प्रमुख कारणों की बात की जाएं तो इसमें आपके आहार में फाइबर और तरल पदार्थों की कमी को माना जाता है। अमेरिकियों के लिए 2020-2025 के आहार दिशानिर्देशों में 2,000 कैलोरी के आहार पर प्रतिदिन 28 ग्राम फाइबर का सेवन करने की सिफारिश की गई है, और यदि आप अधिक कैलोरी का सेवन करते हैं, तो फाइबर की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी गई है।
नाशपाती (Fruits for constipation) में घुलनशील और अघुलनशील फाइबर दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो आपके पाचन तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अघुलनशील फाइबर मुख्यतः फल की त्वचा में मौजूद होता है। यह पानी में नहीं घुलता और मल को आंत से बाहर निकालने में सहायता करता है, जिससे आपकी आंतों की नियमितता बनी रहती है।
सेब (Fruits for constipation) को नाशपाती के समान, इसके छिलके में पाए जाने वाले फाइबर के लिए भी सराहा जा सकता है, जिसमें एक प्रकार का अघुलनशील फाइबर शामिल होता है, जबकि इसके मांस में पेक्टिन, जो कि घुलनशील फाइबर का एक रूप है, पाया जाता है।
कीवी फल फाइबर से भरपूर फलों में प्रमुख स्थान रखता है। इसमें 2 ग्राम से अधिक फाइबर पाया जाता है, जो आपके दैनिक फाइबर की आवश्यकता का लगभग 8% है। यदि आप इसकी गूदे को हटा देते हैं, तो कीवी के छिलके को खाने से आपको अतिरिक्त पोषण और फाइबर मिल सकता है।
अंगूर और संतरे (Fruits for constipation) जैसे खट्टे फलों का सेवन कब्ज से राहत पाने में सहायक होता है। यूएसडीए के आंकड़ों के अनुसार, एक अंगूर और एक संतरे में लगभग 4 ग्राम फाइबर पाया जाता है, जो आपकी दैनिक आवश्यकता का लगभग 14% है।
ड्रैगन फ्रूट्स, (Fruits for constipation) सेब और नाशपाती के मुकाबले, मोटी और अखाद्य त्वचा के साथ आते हैं। यूएसडीए के आंकड़ों के अनुसार, एक ड्रैगन फ्रूट लगभग 5 ग्राम फाइबर प्रदान करता है, जो आपकी दैनिक आवश्यकता का लगभग 18% है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
09 Nov 2024 02:52 pm
Published on:
09 Nov 2024 10:37 am
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